पटना : देश के सरकारी स्कूलों और शिक्षा की लचर व्यवस्था को सुधारने की दिशा में सांसद पप्पू यादव ने संसद में बड़ा सुझाव दिया है. उन्होंने कहा है कि जब तक आईएएस, आईपीएएस, विधायक और सांसदों के बच्चों का सरकारी स्कूलों में पढ़ना अनिवार्य नहीं किया जाता, तब तक देश की शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधर सकती.
जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक पप्पू यादव संसद में बोलते हुए कहा कि अगर सरकार अनिवार्य और समान शिक्षा की बात करती है तो सबसे पहले यह अनिवार्य करे कि सभी नेताओं-अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में ही दाखिला लें. अगर सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन पर बल देना है तो इसके लिए सबसे पहले हमें अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजना होगा.
पप्पू यादव ने कहा कि जब तक सरकारी स्कूलों को नहीं सुधारा जाएगा, तब तक देश के 130 करोड़ लोगों को इंसाफ नहीं मिलेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक सुदामा और कृष्ण साथ-साथ स्कूलों में नहीं पढ़ेंगे, समाज की विषमता नहीं खत्म होगी.
सरकार की शिक्षा नीतियों पर निशाना साधते हुए पप्पू यादव ने कहा कि सरकारी स्कूल सिर्फ गरीबों के लिए रह गया है. इन स्कूलों में की पढ़ाई को कोई मानक नहीं मानते हैं. यही वजह है कि कोई भी सांसद, विधायक और अधिकारियों के बच्चे पढ़ने नहीं जाते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि गरीबों के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढ़ने नहीं जाते, बल्कि सिर्फ मिड डे मिल खाने जाते हैं.
सासंद पप्पू यादव देश की बिगड़ती उच्च व्यवस्था पर संसद में खूब बरसें. उन्होंने कहा कि आज बीएड और एमएड की डिग्गी पूरे देश में बिक रहा है. शिक्षकों की कमी से देश के स्कूल जूझ रहे हैं. शिक्षकों को पढ़ाई के काम के बदले उन्हें अलग कामों में लगाया जाता है.