पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) लालू प्रसाद याद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को शनिवार को करारा झटका मिला है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने लालू और राबड़ी देवी का पटना एयरपोर्ट तक सीधे पहुंचने का विशेषाधिकार खत्म कर दिया गया है. बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले में लालू एंड फैमली पर पहले से ही कई आरोपों से ही घिरे हुए हैं.
एयरपोर्ट तक डायरेक्ट एक्सेस खत्म
पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते लालू और राबड़ी दोनों को पटना एयरपोर्ट तक सीधे पहुंचने का विशेषाधिकार मिला हुआ था. सीबीआई ने साल 2006 में लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान दो होटलों की देखरेख के ठेके बदले पटना के एक होटल कारोबारी से जमीन लेने के कथित आरोप में एफआईआर दर्ज की है.
चारा घोटाले में पहले ही हैं दोषी
चारा घोटाले के एक मामले में लालू पहले ही दोषी ठहराए जा चुके हैं और अक्टूबर 2013 में उन्हें 5 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. इस समय वह जमानत पर रिहा हैं. साथ लालू के दूसरे बेटे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के पटना स्थित पेट्रोल पंप का लाइसेंस भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने रद्द कर दिया है.
तेजस्वी की बर्खास्तगी की मांग कर रही है BJP
बता दें कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर सीबीआई की एफआईआर के बाद से बीजेपी उनपर हमलावर है. बीजेपी नेताओं की तरफ से लगातार तेजस्वी की बर्खास्तगी की मांग हो रही है. नीतीश ने अभी तक इस विषय पर कोई बयान नहीं दिया है. हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार जल्द ही कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं.
क्या है मामला ?
लालू प्रसाद यादव पर रेल मंत्री रहते हुए निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है. सीबीआई को लगता है कि 2006 में लालू ने रेलवे होटल की चेन बीएनआर होटल ग्रुप का टेंडर नियमों की अनदेखी कर निजी कंपनियों को दिए थे. इसके बदले में उन्हें जमीन दी गई थी और उसी जमीन पर पटना में लालू ने मॉल का निर्माण किया.
होटले ठेके में घोटाले के अलावा लालू और उनका परिवार बेनामी संपत्ति के मामले में भी घिरा हुआ है. बिहार बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि पटना के एक अपार्टमेंट में राबड़ी के 12 फ्लैट हैं.