CAG रिपोर्ट में खुलासा: इंसानों के खाने लायक नहीं है भारतीय रेल का खाना !

ट्रेन में जो खाना मिलता है, वो आपके और हमारे खाने लायक बिल्कुल नहीं है. ये बात नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में कही गई है. कैग ने आज संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की है उसमे यही दावा किया गया है.

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CAG रिपोर्ट में खुलासा: इंसानों के खाने लायक नहीं है भारतीय रेल का खाना !

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  • July 21, 2017 4:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: ट्रेन में जो खाना मिलता है, वो आपके और हमारे खाने लायक बिल्कुल नहीं है. ये बात नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में कही गई है. कैग ने आज संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की है उसमे यही दावा किया गया है. कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ट्रेनों में यात्रियों को जो खाना परोसा जा रहा है वो इंसानी इस्तेमाल के लायक नहीं है.
 
संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेनों और स्टेशनों पर परोसी जा रही खाने की चीजें दूषित होती हैं. चाय, कॉफी और सूप बनाने के लिए सीधे नल से गंदे पानी का इस्तेमाल होता है. खाना बनाने के लिए भी साफ पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता. ट्रेनों की पैंट्री कार में खाने की चीजें ढंककर नहीं रखी जाती, जिससे उसमें मक्खी, कीड़े और धूल लगते रहते हैं. 
 
 
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि डिब्बाबंद और बोतलबंद चीजें को एक्सपायरी डेट के बाद भी ट्रेनों में बेचा जाता है. ट्रेनों में खाने पीने की चीजों की क्वालिटी चेक के लिए सीएजी और रेलवे की ज्वाइंट टीम ने जांच की है. जिसके बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया. इस टीम ने देश भर के 74 रेलवे स्टेशनों और 80 ट्रेनों का मुआयना किया. 
 
 
इसके अलावा, ट्रेन में बिक रहीं चीजों का बिल न दिए जाने और फूड क्वॉलिटी में कई तरह की खामियों की भी शिकायतें हैं. जांच में ये भी सामने आया है कि ट्रेनों और स्टेशनों पर कहीं भी साफ-सफाई नहीं रखी जाती. ट्रेनों की पैंट्री में चूहे और कॉकरोच कभी भी दिखाई दे जाते हैं. सीएजी की ये ऑडिट रिपोर्ट आज संसद में रखी गई. हालांकि रेलवे के अधिकारी इस रिपोर्ट को लेकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
 
 
बता दें कि भारतीय रेलवे दुनिया की चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. भारतीय रेलवे के पास 11 हजार से अधिक इंजन और 70 हजार से अधिक पैसेंजर हैं. साल 2015-16 के आंकडे के मुताबिक 13,313 यात्री हर रोज लगभग सात हजार स्टेशनों के बीच पटरी पर दौड़ती है. जिसमें लगभग दो करोड़ बीस लाख यात्री सफर करते हैं. 

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