MP में गैर भाजपा-कांग्रेस दलों का महागठबंधन

राष्ट्रीय स्तर पर जनता परिवार में चल रही विलय की कोशिशों के बीच मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी कांग्रेस से इतर आठ दलों ने मंगलवार को राजधानी भोपाल में एक कार्यक्रम आयोजित कर महागठबंधन किया. यह महागठबंधन राज्य में 'जल, जंगल, जमीन' की कथित तौर पर हो रही लूट और निजीकरण जैसी नीतियों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाएगा. 

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MP में गैर भाजपा-कांग्रेस दलों का महागठबंधन

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  • March 31, 2015 1:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

भोपाल. राष्ट्रीय स्तर पर जनता परिवार में चल रही विलय की कोशिशों के बीच मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी कांग्रेस से इतर आठ दलों ने मंगलवार को राजधानी भोपाल में एक कार्यक्रम आयोजित कर महागठबंधन किया. यह महागठबंधन राज्य में ‘जल, जंगल, जमीन’ की कथित तौर पर हो रही लूट और निजीकरण जैसी नीतियों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाएगा. 

आठ दलों- जनता दल (युनाइटेड), मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा), जनता दल (सेक्युलर), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय समानता दल (रासद) और बहुजन संघर्ष दल (बसंद) ने जनहित के लिए सत्ताधारी दल से मिलकर मोर्चा लेने का मन बनाया है. जदयू के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद यादव व माकपा के प्रदेश सचिव बादल सरोज ने अन्य दलों के नेताओं की मौजूदगी में संवाददाताओं को बताया कि राज्य में पिछले दो दशकों से जनविरोधी नीतियों का बोलबाला है. असंतुलित विकास को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है.

महागठबंधन के नेताओं के अनुसार, राज्य में समाजवादी, वामपंथी आंदोलन के साथ जनजातीय संघर्ष का दौर हमेशा चलता रहा है, मगर पिछले कुछ अरसे से राज्य में सांप्रदायिकता की राजनीति को बढ़ावा मिला, जिस कारण यह कमजोर हुआ है. लिहाजा, विभिन्न वर्गो के हितों की लड़ाई लड़ने वाले लोग एक साथ आए हैं और अब न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाकर आगे की रणनीति तय की जाएगी. महागठबंधन को फिलहाल कोई नाम नहीं दिया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों की नीतियां एक जैसी है. विचार समान है, कांग्रेस विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रही है. इस स्थिति में आंदोलन करने वाले दल एक होकर सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाएगा. भाजपा राज्य में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने में लगी है, सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस का सदस्य बनाया जा रहा है, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. गठबंधन के नेताओं ने बताया है कि यह गठबंधन चुनाव के लिए नहीं, बल्कि आमजन के साथ हो रहे अत्याचार और प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ है. गठबंधन पहले जिला स्तर पर और फिर राज्य स्तर पर सत्याग्रह कर ‘जेल भरो’ आंदोलन करेगा.

IANS

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