नई दिल्ली: कश्मीर के हालात बिगाड़ने में पाकिस्तान का हाथ 70 साल पुराना है, लेकिन अब इस पर राजनीति के नए-नए राग सुनाई दे रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने कश्मीर मसले पर विवादित बयान दिया है और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की वकालत की है. फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि अमेरिका और चीन ने कश्मीर के विवाद को लेकर मध्यस्थता की पेशकश की है तो फिर भारत को इसमें क्या परेशानी है.
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर विवाद में पाकिस्तान मुख्य पार्टी है और इसलिए भारत को पाकिस्तान से बात तो करनी ही पड़ेगी. फारुक ने कहा कि जब भारत, चीन से बात कर सकता है तो फिर पाकिस्तान से क्यों नहीं. कश्मीर विवाद को हल करने के लिए पाक से बात करनी ही पड़ेगी.
फारुक ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद कई बार कश्मीर मामले में मध्यस्थता की बात कह चुके है, जबकि हमने उनसे ऐसी कोई बात नहीं कही है. वहीं चीन भी चाहता है कि वो इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभाए. उन्होंने कहा कि कश्मीर मसले को सदा के लिए हल करने के लिए भारत को अपने दोस्तों का इस्तेमाल करना चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के पास एटम बम हैं, ऐसे में केवल बातचीत के जरिए ही समाधान निकाला जा सकता है. युद्ध से कश्मीर मामले का मामले का समाधान नहीं है. बता दें कि फारुख इससे पहले भी कश्मीर मसले पर कई बार विवादित बयान दे चुके हैं. एक बार तो उन्होंने पत्थरबाजों का समर्थन भी किया और कहा कि वो लोग अपने देश के लिए लड़ रहे हैं.