नई दिल्ली: रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद अपने नॉर्थ एवेन्यू अपार्टमेंट में थीं जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा की.
जैसे ही अमित शाह ने कोविंद के नाम का एलान किया, वैसे ही उनकी पत्नी ने उत्साह में रामनाथ कोविंद को फोन लगाने लगाया मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया. अगले कुछ घंटों तक वो लगातार कोविंद से संपर्क करने की कोशिश करती रहीं लेकिन बात नहीं हो सकी. काफी समय बाद जब उनकी रामनाथ कोविंद से बात हुई तो उन्होंने बताया कि वो देर रात दिल्ली पहुंचेंगे.
सविता कोविंद से जुड़े लोगों के मुताबिक साल 2013 में जब रामनाथ कोविंद को यूपी में पार्टी के जनरल सैकेट्री के तौर पर लाया गया तो उस फैसले से सविता कोविंद खुश नहीं थीं. लेकिन जल्द ही यूपी की सियासत तेजी से बदलने लगी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने नरेंद्र सिंह तोमर को यूपी के प्रभारी पद से हटा दिया और दलित-ओबीसी प्लान पर काम करना शुरू कर दिया.
इस तरह रामनाथ कोविंद अमित शाह के संपर्क में आए. जानकारी के मुताबिक रामनाथ कोविंद लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे लिकन उन्हें टिकट नहीं मिली. लेकिन अमित शाह से उनकी नजदीकी की वजह से वो यूपी के गवर्नर बना दिए गए.
दो बार राज्यसभा के सदस्य, बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता और बिहार के गवर्नर रहे रामनाथ कोविंद दिल्ली की लुटियंस कम्यूनिटी का कभी हिस्सा नहीं रहे. बिहार का गवर्नर बनने के बाद उन्हें रहने के लिए 144 नॉर्थ एवेन्यू अपार्टमेंट दिया गया.
साउथ एवेन्यू से लेकर राष्ट्रपति कार्यालय तक रामनाथ कोविंद का सफर बहुत ज्यादा सनसनीखेज नहीं रहा. जब अमित शाह ने राष्ट्रपति पद के लिए उनके नाम की घोषणा की तो लाखों लोगों ने गूगल पर उन्हें ढूढ़ना शुरू कर दिया. कोविंद बीजेपी का भी कभी जाना-माना चेहरा नहीं रहे.
कानपुर में जनमे रामनाथ कोविंद के बारे में कुछ बाते हैं जो उनके व्यक्तित्व के बारे में काफी कुछ बताती हैं. कानून की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास की मगर उसे ज्वाइन नहीं किया. मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री बनने से पहले रामनाथ कोविंद ने उनके निजी सचिव के तौर पर काम किया.