नई दिल्ली : तमिलनाडु के किसान अपने मांगों को लेकर दूसरे चरण में तीन दिन से दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज गुरुवार को किसानों ने तमिलनाडु के विधायकों की सैलरी दोगुनी होने के विरोध में ‘चप्पल प्रदर्शन’ किया, इस दौरान किसानों के नेता अयाकुन्न ने कहा कि देश में किसान होना भिखारी होने से भी बुरा है.
इस प्रदर्शन के दौरान किसानों ने अपने आपको चप्पलों से पीटा. बता दें कि राज्य के किसानों की सैलरी अब 1.05 लाख रुपये प्रतिमाह हो गई है. पहले 55 हजार रुपये मिलते थे.
तमिलनाडु में पूर्व विधायकों की प्रतिमाह पेंशन 12,000 से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है. यह बदलाव 1 जुलाई, 2017 से लागू होगा. पलानीस्वामी ने राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधानसभा स्पीकर के भत्तों में 25,000 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि करने की भी घोषणा की.
इससे पहले बुधवार को किसानों के प्रदर्शन को कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर का साथ मिला. अय्यर किसानों के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन में शामिल हुए. इस बार किसानों ने अपनी पुरानी मांगों में कुछ नई मांगें और जोड़ी है. नेशलन साउथ इंडिया रिवर्स इंटरलिंक फारमर्स एसोसिएशन के बैनर तले यहां जुटे किसानों ने कहा कावेरी नदी प्रबंधन बोर्ड का गठन और किसान पेंशन (5000 रुपए प्रतिमाह) जैसी मांगें रखी हैं.
बता दें कि अपनी मांगों की ओर केंद्र सरकार का ध्यान खींचने के लिए इससे पहले 41 दिनों तक तमिलनाडु के किसानों ने नरमुंड और मानव अस्थियों के साथ प्रदर्शन किया था. पिछली बार वो 41 दिनों तक आंदोलन के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के आश्वासन पर लौट गए थे.