नई दिल्ली: इंडिया न्यूज शो ‘वीडियो विशेष’ में आज बात उस यमदूत की जो 13 हजार किलोमीटर दूर से दुनिया को डरा रहा है. वो 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है यानी हवाई जहाज से भी तेज रफ्तार है. उसके निशाने पर जो आएगा तिनके की तरह उड़ जाएगा. वो समंदर से गुजरेगा तो बवंडर खड़ा हो जाएगा. वो जमीन पर उतरेगा तो जलजला आ जाएगा.
अमूमन जब हमारे शहर में हवाएं 60 किमी की रफ्तार से ज्यादा तेज चलने लगे तो तबाही आने लगती है. कमजोर पेड़ उखड़ने शुरू हो जाते हैं. बिजली का एक मजबूत खंभा और शीशम का एक जवान पेड़ 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के सीधे पक्रोप में उखड़ जाता है.
अमूमन ऐसा तब होता है जब समुद्र से उठा तूफान मैदानी इलाकों में घुसता है.तो बर्बादी तबाही लाते हुए आगे बढ़ता चला जाता है । अगर यही तूफान की रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे की हो जाए घर-दरवाजे ध्वस्त होने लगते हैं. कुछ इस तरह से. लेकिन जरा सोचिए तूफान की रफ्तार अगर 700 किमी प्रति घंटा हो तो तूफान रह जाएगा या यमदूत.
आज हम जिस विक्षोभ की बात आपके सामने करने वाले हैं उसकी रफ्तार 700 किमी प्रति घंटे की है. मतलब बुलेट ट्रेन की औसत रफ्तार से दोगुना. एक समान्य हवाई जहाज की रफ्तार से डेढ़ गुना ज्यादा. इतनी तेजी वाला तूफान धरती के एक कोने में शुरू हुआ है . जिसने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है.अंटार्किटा का नाम आपने सुना होगा. वही अंटार्कटिका जहां बर्फ ही बर्फ है.