जेटली ने नरेश अग्रवाल से पूछा, हिन्दुओं को छोड़ किसी और धर्म का अपमान करने का साहस है क्या ?

संसद में हिन्दू-देवी देवताओं की तुलना शराब से करने वाले समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सीधे-सीधे पूछा कि क्या उनमें हिन्दू धर्म को छोड़कर किसी और धर्म को लेकर इस तरह का बयान देने का साहस है.

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जेटली ने नरेश अग्रवाल से पूछा, हिन्दुओं को छोड़ किसी और धर्म का अपमान करने का साहस है क्या ?

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  • July 19, 2017 12:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: संसद में हिन्दू-देवी देवताओं की तुलना शराब से करने वाले समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सीधे-सीधे पूछा कि क्या उनमें हिन्दू धर्म को छोड़कर किसी और धर्म को लेकर इस तरह का बयान देने का साहस है. 
 
जेटली ने अग्रवाल को चेतावनी दी कि अगर वो ये बयान संसद से बाहर देते तो उन पर मुकदमा हो जाता. जेटली की बात को दुहराते हुए अनंत कुमार ने कहा कि सदन में सदस्यों को मिले संरक्षण का गलत फायदा उठाकर अग्रवाल ने देश के बहुसंख्यक लोगों का अपमान किया है.
 
मॉब लिंचिंग पर राज्यसभा में बहस के दौरान सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा था कि कुछ लोग हिंदू धर्म के ठेकेदार हो गए हैं. उन्होंने कहा, “मुझे याद है कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान हम जेल गए थे. उस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जेल की दीवारों पर चार पक्तियां लिखी थीं.”
 
 
नरेश अग्रवाल ने जैसे ही हिन्दू देवी-देवताओं की शराब से तुलना करने वाली विवादित लाइन पढ़ीं वैसे ही राज्यसभा में बीजेपी नेताओं ने जोरादार हंगामा शुरू कर दिया. बीजेपी नेताओं ने इस दौरान नारा लगाना शुरू कर दिया कि श्री राम का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान. 
 
बीजेपी सांसदों के हंगामे के बीच उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि वो बयान को देखेंगे और तय करेंगे कि उसे कार्यवाही से बाहर निकाला जाए या नहीं. इस पर मुख्तार अब्बास नकवी उठे और उन्होंने कहा कि जब तक उपसभापति नरेश अग्रवाल का विवादित बयान देख नहीं लेते और उसे सदन की कार्यवाही से निकाल नहीं देते, सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया जाए. 
 
नरेश अग्रवाल से माफी की मांग को लेकर बीजेपी सांसदों के भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. बाद में विवाद बढ़ता देख नरेश अग्रवाल ने अपने बयान को वापस ले लिया और उसके लिए खेद जताया लेकिन माफी मांगने से इनकार कर दिया. अग्रवाल के खेद जताने के बाद उनका बयान राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है. 
 
 
संसद के मॉनसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा. विपक्ष ने मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की. इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग मॉब लिंचिंग की घटनाओं में शामिल होते हैं.
 
गुलाम नबी आजाद के आरोप पर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने सवाल उठाया कि मॉब लिंचिंग करने वाले क्या अपने गले में गौरक्षक का साइन बोर्ड लगाकर रखते हैं?
 

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