नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू हो रहा है. संसद सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए 17 जुलाई को वोटिंग होगी और 20 जुलाई को काउंटिंग की जाएगी.
राष्ट्रपति चुनाव में अब तक जो राजनीतिक तस्वीर उभरकर सामने आई है उससे साफ़ है कि एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के पक्ष में पलड़ा भारी है. आंकडो़ं की बात करें तो राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट के 48 फ़ीसदी वोट एनडीए के पास हैं. इनमें से 40 फ़ीसदी केवल बीजेपी का है. दूसरी तरफ़ एआईएडीएमके के पांच फ़ीसदी, बीजेडी के तीन प्रतिशत, टीआरएस के दो फ़ीसदी और इसके अलावा छोटे-छोटे दलों को मिलाकर 14 फ़ीसदी वोट हैं.
अगर विपक्ष की बात करें तो अगर यही स्थिति रही मीरा कुमार की मौजूदगी रस्मअदाएगी के सिवा कुछ और नहीं रह जाएगी. राष्ट्रपति चुनाव में कुल वोट 10,98,903 हैं. इन वोटों में 5,49,408 सांसदों के और 5,49,495 विधायकों के वोट हैं. राष्ट्रपति चुने जाने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 50 फ़ीसदी वोट चाहिए.
इससे पहले रविवार (16 जुलाई) को आज लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बता दें कि संसद का मानसून सत्र 17 जुलाई से 11 अगस्त तक चलेगा. मानसून सत्र के पहले दिन हो सकता है लोकसभा सदस्य विनोद खन्ना और राज्यसभा सदस्य पल्लवी रेड्डी के निधन की वजह से कामकाज न हो.
इस साल का मानसून सत्र काफी हंगामेदार हो सकता है. मानसून सत्र में विपक्ष के पास कुछ ऐसे बड़े मुद्दे हैं जिसकी सहायता से वो सरकार को घेरने के लिए हर संभव प्रयास करेगा. एक तरफ मोदी सरकार के तीन साल तो दूसरी ओर देश में किसानों का आंदोलन विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा हो सकता है.