अमरनाथ हमले के बाद सेना ने चलाया ‘ऑपरेशन क्लीन कश्मीर’, ढूंढ-ढूंढकर कर रहे हैं आतंकियों का सफाया

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में मासूम और बेगुनाह लोगों का खून बहाने वाले आतंकियों का एक एक कर खात्मा किया जा रहा है. सेना और सुरक्षा बल के जवानों ने जम्मू-कश्मीर को आतंक मुक्त बनाने के लिए दहशतगर्दों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन चला रखा है. इस अभियान में एक महीने के अंदर 40 से ज्यादा आतंकियों का सफाया किया जा चुका है.
कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ सेना और सुरक्षा बलों के कदम लगातार आगे बढ़ रहे हैं. एक एक दहशतगर्द को चुन चुन कर ठिकाने लगाया जा रहा है. ऑपरेशन क्लीन कश्मीर के लिए कमर कस चुके सुरक्षा बलों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. इस बार त्राल में आतंकियों पर काल बनकर टूट पड़े हमारे जवानों ने दो दहशदगर्दों को ढेर कर दिया.
दक्षिण कश्मीर के त्राल में सतूरा के पास जब सेना अपने रूटीन गश्त पर थी तब उन्हें कुछ आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली. उसके बाद सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया. पहले पूरे इलाके की घेराबंदी की गई लेकिन जब दहशतगर्दों ने फायरिंग शुरू की तो जवाब में जवानों ने भी गोलियां चलाईं.
इस मुठभेड़ में अब तक दो आतंकी मारे गए हैं जिनमें एक पाकिस्तान का रहने वाला है. बताया जा रहा है ये सारे आतंकी एक गुफा में छिपा हुए थे. बताया जा रहा है कि आतंकी त्राल में एक गुफा में छिपे थे और अंदर से ही फायरिंग कर रहे थे. कई घंटों तक चले एनकाउंटर के बाद दो आतंकी मारे गए.
इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में इस साल अब तक मारे गए आतंकियों की संख्या 104 हो गई है. इससे  पहले मंगलवार को बडगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. जिसमें सेना ने 3 आतंकियों को मार गिराया था.
अमरनाथ यात्रियों पर हमले के बाद से ही कश्मीर घाटी में आतंकियों के सफाये के लिए सेना और सुरक्षा बलों ने बड़ा ऑपरेशन चला रखा है. इस हमले में शामिल तीन आतंकियों की पहचान हो चुकी है जिन्हें पकड़ने के लिए पूरे इलाके में 10 जुलाई से ही सर्च ऑपरेशन शुरू है. हमले में शामिल आतंकी अबू इस्माइल की पहचान पहले ही हो चुकी है. अब उसके दो और साथी आजाद मलिक और मुजम्मिल मंजूर की पहचान भी कर ली गई है. जिन्हें पकड़ने की मुहिम जारी है.
इस साल जनवरी से जुलाई के बीच सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर में 104 आतंकियों को ढेर किया है. जो हाल के सालों में सबसे ज्यादा है. इससे पहले साल 2010 में जनवरी से जुलाई के बीच सबसे ज्यादा 156 आतंकी मारे गए थे. साल 2011 में इसी अवधि के दौरान 61 आतंकी मारे गए थे. जबकि 2012 में सिर्फ 37 आतंकी मारे गए, पिछले साल 2016 में भी जनवरी से जुलाई के बीच 77 आतंकी मारे गए थे.
(वीडियो में देखें पूरा शो)
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