लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिले विस्फोटक की जांच NIA को सौंप दी गई है. इस बीच ATS ने समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडे से पूछताछ की है जिनकी सीट के पास से PETN पाउडर मिला था. वहीं, सुरक्षा में घोर लापरवाही को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ है.
यूपी विधानसभा के कैंपस के अंदर और बाहर कुल मिलाकर 100 सीसीटीवी कैमरे होने की बात बताई जा रही है लेकिन आप ये जान कर हैरान रह जाएंगे कि जिस वक्त विधानसभा में विस्फोटक रखा गया. उस वक्त सिर्फ चार कैमरे चालू थे. इसकी वजह ये कि कैमरे सिर्फ सत्र के दौरान ही चालू रहते हैं.
इतना जरूर है कि सुरक्षा में बड़ी चूक के बाद आनन-फानन में सुरक्षा बंदोबस्त को पुख्ता किया गया है. विस्फोटक मिलने की जांच कर रही NIA ने सदन को पूरी तरह खंगाला. इस दौरान शनिवार को भी विस्फोटक बरामद किया गया है. वहीं एटीएस की QRT की टीम ने चप्पे-चप्पे का मुआयना किया. योगी ने शुक्रवार को ही क्विक रिएक्शन टीम तैनात करने की बात कही थी.
बता दें कि पहले मिला विस्फोटक उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायकों के बैठने की जगह पर रखा गया था. ये विस्फोटक 12 जुलाई को मिला था, जिसे जांच के लिए FSL भेजा गया था. गुरुवार देर शाम इसकी रिपोर्ट आई जिससे पता चला कि ये बेहद खतरनाक विस्फोटक PETN था. इस बीच फायर सेफ्टी का ड्रिल भी किया गया लेकिन यही चौकसी पहले बरती गई होती तो यहां सेंध लगाए जाने की शर्मनाक घटना नहीं हुई होती.
क्या है PETN?
PETN दुनिया के पांच सबसे खतरनाक विस्फोटकों में से एक है जो सफेद पाउडर जैसा होता है. इसे मेटल डिटेक्टर या एक्स-रे मशीन से भी नहीं पकड़ सकते. स्निफर डॉग भी उन्हें सूंघकर नहीं पता कर सकते क्योंकि इसमें कोई गंध नहीं होती. यही वजह है कि 12 जुलाई को स्निफर डॉग इसका पता नहीं लगा सके थे. इसे फिजिकली ही पकड़ा जा सकता है.