नई दिल्ली: चीन और कश्मीर के मुद्दे पर सरकार ने शुक्रवार को विपक्ष के सामने अपनी बात रखी. गृह सचिव ने अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले की जानकारी दी. वहीं, चीन को लेकर सरकार की तरफ से ये बता दिया गया कि चीन डोकलाम में जहां सड़क बना रहा है वो भूटान की ज़मीन है और चीन उस पर कब्जा जमाना चाहता है.
भूटान की जमीन बचाने के लिए अपनी सेना ने तंबू गाड़ दिया है. इस जगह से पीछे हटने का कोई सवाल नहीं उठता. वैसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन से बातचीत करने के लिए 26 से 28 जुलाई के बीच बीजिंग में रहेंगे. डोभाल चीन को ये बताएंगे कि दोनों देशों के बीच 2012 का समझौता है.
इसके मुताबिक आपसी मामलों को बातचीत के जरिए ही सुलझाया जाएगा. इसी आधार पर चीन को बातचीत के टेबल पर लाने की कोशिश की जाएगी. अगर वो नहीं मानता है तो हिंदुस्तान की फौज भूटान की ज़मीन की रक्षा करेगी. दरअसल, दो सौ उनहत्तर वर्ग किलोमीटर के डोकलाम के इलाके में भारत-चीन और भूटान की सीमा लगती है. यहां चीन सड़कों का जाल बिछाना चाहता है ताकि युद्ध के दौरान वो फौजी जरूरत का सामान जल्दी पहुंचा सके.
भारत से चीन का टकराव सिर्फ डोकलाम की इस जमीन को लेकर ही नहीं है बल्कि कई ऐसे मामले हैं जिनको लेकर भारत चीन का विरोध करता रहा है. मसलन, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के एक बड़े इलाके को चीन अपना हिस्सा बताता है. ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाकर वो उसका पानी अपनी तरफ मोड़ रहा है.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को चीन पाकिस्तान का हिस्सा मानता है और भारत के कश्मीर को भारत का हिस्सा मानने में आना-कानी करता है. अमेरिका और इजरायल जैसे देशों से भारत के रिश्ते मजबूत होते जा रहे हैं और चीन के दुश्मन देश जापान, ताइवान और मंगोलिया से भारत के संबंध जिस तरीके से बेहतर हैं उससे भी चीन बौखलाया रहता है.