नई दिल्ली: भारत-चीन बॉर्डर पर तनातनी जारी है. सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर बने तनाव के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सभी दलों की बैठक बुलाई है. ये बैठक कल यानी शुक्रवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर होगी. इस बैठक में सरकार देश के सभी दलों को ये बताना चाहती है कि चीन के साथ टकराव कहां और क्यों है और सरकार ने अभी तक क्या किया है.
वैसे केंद्र की तरफ से फिर ये साफ किया गया है कि डोकलाम में भारतीय फौज जहां पर तंबू गाड़ कर खड़ी है वहां से नहीं हटेगी. चीन जहां सड़क बना रहा है वो भूटान की ज़मीन है और भूटान की रक्षा की ज़िम्मेदारी हिंदुस्तान की है.
भारत सरकार के इस तेवर से चीन अब परेशान होने लगा है. पहले तो उसने धमकी के लहजे में कहा था कि भारत को अपनी फौज फौरन हटा लेनी चाहिए. आगे चीन की तरफ से ये भी कहा गया कि हो सकता है कल कश्मीर में पाकिस्तान की तरफ से कोई तीसरा देश खड़ा हो जाए लेकिन मोदी सरकार ने इसकी कोई परवाह नहीं की और सीमा पर अपनी फौज और बाकी फौजी जरूरतों की मुस्तैदी बढ़ा दी.
भारत और भूटान का कहना है कि जिस हिस्से पर चीन सड़क बना रहा है, वह उसका नहीं है. भारत के लिए चीन को यहां रोकना न सिर्फ भूटान के लिहाज से जरूरी है बल्कि 60-70 किलोमीटर की दूरी पर सिलीगुड़ी गलियारा है. ये गलियारा भारत को पूर्वोत्तर भारत से जोड़ता है. इस रास्ते को अगर रोक दिया जाए तो पूर्वोत्तर शेष भारत से कट जाएगा. भारतीय फौज इस लिहाज से भी चीन को यहां एक इंच भी बढ़ने नहीं देना चाहती.