नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) करने पर लगने वाले चार्ज में 75 फीसदी तक की कटौती करने का फैसला लिया है.
यह कटौती 15 जुलाई से लागू भी हो जाएगी. इससे पहले हाल ही बैंक ने आईएमपीएस तत्काल भुगतान सेवा हस्तांतरण पर लगने वाला शुल्क समाप्त कर दिया था. जिसमें 1 हजार रुपए के लेनदेन कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा. जबकि इससे पहले 1 हजार रुपए के लेनदेन पर पेयबल सर्विस टैक्स के साथ स्टेट बैंक हर लेनदेन पर 5 रुपए शुल्क वसूल करता था.
बता दें कि फिलहाल 10 हजार रुपए की NEFT पर ग्राहकों से 2 रुपए वसूलता है, लेकिन कटौती के बाद अब 1 रुपए लगेंगे, साथ में इस पर 18 फीसदी जीएसटी वसूल किया जाएगा. कम किए गए चार्जेस इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल दोनों सेवाओं पर लागू होगा. स्टेट बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर रजनीश कुमार ने कहा कि डिजिटलाइजेशन और ऑपरेशन्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर ग्राहकों को बेहत सुविधाएं देना हमारी योजना है.
बता दें कि एनईएफटी के तहत फंड ट्रांसफर एक निर्धारित समय पर ही होता है. जैसे कार्यदिवस के दौरान हर एक घंटे पर इसके तहत फंड ट्रांसफर होते हैं. जबकि आरटीजीएस से फंड को तत्काल ट्रांसफर करने की प्रक्रिया लगाया जाता है.