नई दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गंगा नदी में बढ़ते कचरे को लेकर चिंता जताई है, साथ ही सफाई को मद्देनजर रखते हुए कड़ा रुख अपनाया है. एनजीटी ने अधिकारियों को कठोरता से निर्देश दिया है कि जो भी गंगा नदी में अगर 500 मीटर के अंदर कोई कूड़ा डालता है तो उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाए.
इसके अलावा एनजीटी ने हरिद्वार और उन्नाव के बीच गंगा नदी के तट से 100 मीटर तक के क्षेत्र को ‘नो डेवलपमेंट जोन ’ घोषित किया है. एनजीटी ने गुरुवार को कहा कि गंगा नदी के तट से 500 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का कचरा डंप नहीं होना चाहिए. उल्लंघन करने वाले को 50 हजार का जुर्माना देना होगा.
एनजीटी ने कहा कि उत्तरप्रदेश को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए चमडे के कारखानों को जाजमऊ से उन्नाव अथवा किसी भी अन्य स्थान जिसे राज्य उचित समझता हो, वहां छह सप्ताह के भीतर स्थानांतरित करना चाहिए.
इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को गंगा और उसकी सहायक नदियों के घाटों पर धार्मिक क्रियाकलापों के लिए दिशानिर्देश बनाने के लिए कहा है.