श्रीनगर : जमात-उद-दावा का दूसरा कमांडर और हाफिज सईद के साले अब्दुल रहमान मक्की की धमकी को नजरअंदाज करना भारत को काफी महंगा पड़ा है. अगर भारत मक्की की धमकी को अनसुना नहीं करता तो आज वो सातों अमरनाथ यात्री जो आतंकी हमले का शिकार हुए हैं, वो हमारे बीच जिंदा होते.
19 जून को मक्की का धमकी भरा एक वीडियो सामने आया था. जिसमें वह पीएम मोदी को कश्मीर की आजादी के मुद्दे पर ललकारते हुए दिखाई दे रहा था. वीडियो में मक्की ये बोलते हुए दिखाई दे रहा था कि अगर मीडिया चाहे तो कश्मीर को मात्र 2 से 3 हफ्ते के अंदर की आजादी मिल सकती है. इसमें मक्की कश्मीर में फिर आतंक फैलाने की धमकी देता दिखाई दे रहा था.
मक्की की इस वीडियो को नजरअंदाज किया जाना भारत को काफी भारी पड़ा है. अगर इसे समय रहते समझा जाता तो ये समझ आ जाता कि आतंकियों की प्लानिंग अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की थी.
इस वीडियो को अगर ध्यान से समझा जाए तो इसके वायरल होने से पहले 13 जून को घाटी में 6 आतंकी हमले हुए थे, हालांकि कोई भी हमला अमरनाथ यात्रा के रूट पर नहीं था, लेकिन रूट से ज्यादा दूर भी नहीं था. अमरनाथ यात्रा के रूट से इन हमलों की नजदीकी से ये अंदाजा लगाया जा सकता था कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी कोई बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं.
बता दें कि सोमवार को अमरनाथ यात्रा से लौट रहे यात्रियों की बस पर आतंकियों ने शाम 8 बजकर 20 मिनट पर फायरिंग कर दी. बस में हुए आतंकी हमले में अब तक 7 लोगों के मारे जाने की खबर है तो वहीं 19 श्रद्धालुओं घायल बताए जा रहे हैं.