अमरनाथ यात्रियों की बस पर आतंकियों ने बरसाई अंधाधुंध गोलियां, 7 की मौत

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है. आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों के बस पर अंधाधुंध फायरिंग की है. जिसमें 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई है. जिसमें 6 महिला और 1 पुरुष शामिल है. आतंकी हमले में 15 से ज्यादा लोग जख्मी हैं.

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अमरनाथ यात्रियों की बस पर आतंकियों ने बरसाई अंधाधुंध गोलियां, 7 की मौत

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  • July 10, 2017 3:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
अनंतनाग: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है. आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों के बस पर अंधाधुंध फायरिंग की है. जिसमें 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई है. जिसमें 6 महिला और 1 पुरुष शामिल है. अमरनाथ यात्रा के जत्थे पर हमले में दो मृतक महिलाएं मुम्बई से सटे पालघर ज़िले के डहाणू इलाके की रहने वाली थी. एक का नाम उषा सोनकर दूसरी मृतक का नाम निर्मला देवी ठाकुर है.
 
आतंकी हमले में 15 से ज्यादा लोग जख्मी हैं. हमले के बाद सुरक्षा बढ़ाई दी गई है. साथ ही ये साफ कर दिया गया है कि अमरनाथ यात्रा जारी रहेगी. सूत्रों के मुताबिक हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ बताया जा रहा है. आतंकियों ने पुलिस काफिले पर भी हमला कर दिया है, जिसमें तीन पुलिसवाले घायल हो गए थे. जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने 8 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं से भरी बस पर फायरिंग कर दी. श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन करके लौट रहे थे. जिसमें 7 यात्रियों की मौत हो गई है. 
 
बस ना तो अमरनाथ काफिले का हिस्सा थी और न ही श्राइन बोर्ड में रजिस्टर्ड थी. हालांकि हमले के बाद 90 और 40 बटालियन को रवाना कर दिया है.
 
 
आतंकी हमले के बाद श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर यातायात बंद है. बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा पर हमले के आगाह किया था. घाटी में पिछले साल हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से ही हालात खराब चल रहे हैं. इस साल बुरहान की पहली बरसी भी पड़ी थी. मिली खुफिया रिपोर्ट्स के बाद अमरनाथ यात्रा की खास सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे. सेना, सीआपीएफ और पुलिस के करीब 40 हजार जवानों को यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था.
 
 
बता दें कि पहली बार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए सेना की 5 बटालियनों को तैनात किया गया था. इससे पहले सेना की केवल दो बटालियनों को तैनात किया जाता था. इस बार जिन पांच बटालियनों को तैनात किया गया उनमें से एक उत्तर और एक दक्षिण हिस्से में तैनात थी. जबकि तीन बटालियनों को जवाहर सुरंग से लेकर उस रास्ते की तरफ तैनात किया गया.

 

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