नई दिल्ली : चुनाव आयोग आगामी विधानसभा चुनावों को 100 फीसदी वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) से कराने की तैयारी में है. चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में इसकी शुरुआत हो सकती है. वहीं चुनाव आयोग इस सिस्टम के लागू होने के बाद कुछ चुनिंदा पोलिंग स्टेशनों पर ही VVPAT स्लिप्स की गिनती करवाने पर विचार कर रहा है.
मीडिया रिपोर्टे्स के अनुसार अगर VVPAT स्लिप्स की गिनती पहले होती है, तो नतीजों का पहला रुझान 11 बजे के बाद ही आ पाएगा. आपको बता दें कि अभी तक EVM से गिनती होती थी तो शुरुआती आधे से एक घंटे के भीतर ही रुझान आने शुरू हो जाते थे.
आयोग के अधिकारी ने कहा कि पैनल इस बात पर भी विचार कर रहा है कि रुझान आने में यदि 11 बजे तक की देरी हो गई तो प्रतिद्वंद्वी पार्टी के वर्कर्स के बीच काउंटिंग सेंटर्स पर भिड़ंत भी हो सकती है. चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम नियमों में संशोधन करने नहीं जा रहे हैं. इससे प्रक्रिया की बहुत लंबी हो जाएगी. चुनाव आयोग की ओर से गठित समिति एक सीट में 4 से 5 पोलिंग स्टेशनों पर पेपर स्लिप्स की गिनती के पक्ष में है.
आपको बता दें कि चुनाव आयोग गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव से पहले ही वीवीपैट को लेकर अपनी गाइडलाइंस जारी कर सकता है. खबर के मुताबिक, EC की ओर से गठित कमेटी एक लोकसभा या विधानसभा सीट के 4-5 पोलिंग स्टेशनों पर ही पेपर स्लिप्स की गिनती के पक्ष में है.