रात के अंधेरे में ये बुलेट बिना किसी ड्राइवर के पुलिस चौकी से निकली है और जंगल के बीच पहुंच जाती है.आखिर क्या है इस बुलेट का सच? और क्या है वो कहानी जिसने इस बुलेट पर रहस्य की एक ऐसी चादर डाली हुई है.जो किसी को नहीं दिखती?
ये वो कहानी है, जो सालों से राजस्थान के जोधपुर-पाली हाइवे से गुजरने वाले हर शख्स को सुनाई जाती है. और जो भी यहां से गुजरता है, वो इसे देखकर हैरान रह जाता है.
रहस्यों का रिश्ता रात से ही नहीं होता और रोशनी से भी होता है. दिन के उजाले में भी कई राज़ छिपे हुए होते हैं. जिन्हें लोग महसूस तो करते हैं. लेकिन उसका सच आंखों के सामने कभी नहीं आता है.
बता दें कि गांव वालों की माने तो ओम बन्ना आज भी रात में पेड़ के नीचे आते हैं और इधर से गुजरने वाले लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाते हैं. इसके पीछे गांववालों का तर्क ये है कि ओम बन्ना एक नेकदिल इंसान थे. वो नहीं चाहते कि जिस तरह से वो दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान गंवा बैठे, वैसा किसी और के साथ हो.
यहां के लोगों की जुबां पर ऐसे कई किस्से और कहानियां हैं…जिसमें वो बताते हैं कि ओम बन्ना ने उनकी जान बचाई. लोगों का मानना है कि जिस दिन से यहां बुलेट मंदिर बना है. तब से इस स्थान पर कोई दुर्घटना नहीं हुई. जबकि ये राजस्थान का वो इलाका है, जहां अक्सर दुर्घटनाएं हुआ करती थीं और पुलिस के रिकॉर्ड में भी ये दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों की गिनती में आता है.