पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को होने वाले जनता दरबार कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. कार्यक्रम के रद्द होने का कारण मुख्यमंत्री के बीमार होने के कारण बताया जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार ने ये कार्यक्रम लालू एंड फैमिली पर सीबीआई के छापे के बाद होने वाले सवालों से बचने के लिए रद्द किया है.
बता दें कि लालू एंड फैमिली पर सीबीआई के छापे के बाद अब तक नीतीश कुमार ने कुछ भी बयान नहीं दिया है, जब 5 जुलाई को लालू के 10 सर्कुलर रोड सहित 12 ठिकानों पर छापेमारी किया जा रहा था उस समय नीतीश कुमार राजगीर में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे.
सूत्र बता रहे हैं कि वह मीडिया के सवालों से बचना चाहते हैं कि आखिरकार तेजस्वी को लेकर उनका रुख क्या होने वाला है, क्योंकि बीजेपी ने साफ तौर पर मांग की है कि तेजस्वी यादव का इस्तीफा होना चाहिए. वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई है.
बताया जा रहा है कि बैठक 27 अगस्त को आरजेडी की होने वाली रैली को लेकर है लेकिन सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से लालू प्रसाद और उनके परिवार पर सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स का शिकंजा कस रहा है उसको लेकर विधायकों से मंत्रणा करेंगे.
बिहार में जैसे जैसे लालू एंड फैमिली पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है वैसे-वैसे नीतीश कुमार की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं. सूबे में सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है कि रेलवे टेंडर घोटाले में घिरे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को नीतीश अपनी कैबिनेट में ही रखेंगे या फिर बाहर का रास्ता दिखाएंगे.
जब पटना में लालू के घर पर सीबीआई पहुंची हुई थी तब नीतीश कुमार राजगीर में थे. लालू अपने सगे संबंधियों के साथ घर पर परेशान थे और नीतीश आत्ममंथन कर रहे थे. जेडीयू ने 11 जुलाई को सांसदों और विधायकों के साथ राज्य कार्यकारिणी, सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्ष और ज़िला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है.
ये बैठक नीतीश के मुख्यमंत्री आवास 1 अणे मार्ग में 11 बजे से होगी.सूत्रों की माने तो इस बैठक में महागठबंधन को लेकर नीतीश फैसला ले सकते हैं. यानी अगले दो दिनों में इस बात का फैसला होना है कि बिहार में ऊंट किस करवट बैठेगा. हांलाकि आरजेडी के नेता कैबिनेट से तेजस्वी के इस्तीफे से इनकार कर रहे हैं.
अंदरखाने चर्चा ये भी है कि दबाव देखते हुए लालू तेजस्वी की जगह तेजप्रताप यादव को डिप्टी सीएम बना सकते हैं. चर्चा ये भी है कि ऐसे हालात में लालू अपनी ओर से महागठबंधन तोडने की गलती नहीं करेंगे यानी गेंद पूरी तरह नीतीश के पाले मे है. बिहार मे सियासी उथलपुथल अपनी जगह है. दूसरी ओर लालू एंड फैमिली पर शिकंजा कसता जा रहा है. पटना में लालू के घर पर रेड के बाद सीबीआई टीम ने लैपटॉप के साथ कई अहम दस्तावेज जब्त किए.
सूत्रों की माने तो सीबीआई को लालू एंड फैमिली के खिलाफ अहम सबूत मिल चुके हैं और अब इसी आधार पर लालू और राबड़ी देवी को दिल्ली बुलाकर जल्दी ही उनसे पूछताछ होगी. रेलवे टेंडर घोटाले का केस दिल्ली में दर्ज हुआ है इसलिए इसकी जांच यही से होगी.