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स्पेस एजेंसी NASA ने गुरु पूर्णिमा पर पहली बार जारी की पूरे चांद की तस्वीर

इंटरनेशनल स्पेस एजेंसी नासा ने पहली बार गुरु पूर्णिमा पर पूरे चांद की तस्वीर जारी की. नासा ने ट्विटर हैंडल पर ये तस्वीर पोस्ट की. नासा ने ट्वीटर पर विशेष तौर पर गुरू पूर्णिमा का जिक्र करके इंटरनेशनल ख्‍याति पा चुका है. बता दें कि रविवार को भारत में गुरू पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जा रहा है.

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  • July 9, 2017 1:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: इंटरनेशनल स्पेस एजेंसी नासा ने पहली बार गुरु पूर्णिमा पर पूरे चांद की तस्वीर जारी की. नासा ने ट्विटर हैंडल पर ये तस्वीर पोस्ट की. नासा ने ट्वीटर पर विशेष तौर पर गुरू पूर्णिमा का जिक्र करके इंटरनेशनल ख्‍याति पा चुका है. बता दें कि रविवार को भारत में गुरू पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जा रहा है.
 
 
नासा ने इस ट्वीट में पूर्णिमा के दिन चांद वाले को पूरी दुनिया में किन नामों से जाना जाता है इसका जिक्र किया है. इसमें गुरु पूर्णिमा का नाम सबसे उपर है. साथ ही नासा ही हे मून, राइप कॉर्न मून, बक मून और थंडर मून लिखा है. साथ ही नासा ने पूरे चंद्रमा की तस्वीर भी पोस्ट की है. इस पोस्ट पर सात हजार से ज्यादा रिट्वीट किया गया है और 10 हजार से ज्यादा इस ट्वीट को पसंद किया है.  
 
नासा ने इस ट्वीट के माध्यम से इस बार की गुरु पूर्णिमा को बेहद खास बना दिया है. भारतीय यूजर्स भी इस ट्वीट को काफी पसंद कर रहे हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस फोटो की काफी चर्चा की जा रही है. इस दिन की अहमियत अब भारत में ही नहीं पूरी दूनिया के लोग समझ रहे हैं.
 
 
क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा ?
आज 9 जुलाई को आषाढ़ मास की पूर्णिमा है, इसे गुरु पूर्णिमा भी कहते हैं. गुरु पूर्णिमा को पूर्ण रूप से गुरुओं के सम्मान के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि प्राचीन काल में इसी दिन शिष्‍य अपने गुरुओं की पूजा करते थे. 
 
बता दें कि गुरु पूर्णिमा का ये खास दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिन भी है. कृष्ण द्वैपायन व्यास संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे और साथ ही उन्होंने चारों वेदों की भी रचना की थी, इसी कारण उन्हें वेद व्यास के नाम से भी जाना जाता था. 

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