दुस्साहस: भारत ही नहीं इन 14 देशों की सीमाओं पर भी अपनी धाक जमाता है चीन

जर्मनी में ब्रिक्स की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और एक दूसरे की तारीफ भी की. लेकिन सिक्किम बार्डर पर जो हालात है उनमें बदलाव के संकेत नहीं दिखते. दोनों देशों के जवान एक दूसरे के आमने सामने हैं और चीन तमाम तरह के दांव पेंच भी चल रहा है.

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दुस्साहस: भारत ही नहीं इन 14 देशों की सीमाओं पर भी अपनी धाक जमाता है चीन

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  • July 7, 2017 5:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: जर्मनी में ब्रिक्स की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और एक दूसरे की तारीफ भी की. लेकिन सिक्किम बार्डर पर जो हालात है उनमें बदलाव के संकेत नहीं दिखते. दोनों देशों के जवान एक दूसरे के आमने सामने हैं और चीन तमाम तरह के दांव पेंच भी चल रहा है.
 
चीन इस तरह की सीनाजोरी भारत के साथ नहीं करता बल्कि उससे दुनिया के 23 देश परेशान है. इसीलिए ये पूछना पड़ता है कि चीन तेरे कितने दुश्मन ? दुनिया की सबसे ज्यादा जनस्ख्या वाला और क्षेत्रफल में दुनिया का तीसरे नंबर का देश चीन ऐक ऐसा देश है जो अपने इर्द गिर्द 14 देशों से सीमाओं को शेयर करता है. 
 
इन देशों की तकरीबन 22 हजार किलोमीटर की सीमा चीन से लगती है लेकिन हैरानी होगी आपको ये सुनकर इन 14 देशो के साथ चीन का सीमा को लेकर कहीं ना कही विवाद है. जमीन को कब्जा कर अपनी ताकत बढाने के लिए किसी भी हद जाने को हर पल तैयार रहता है. 
 
चीन की इस गीदड़भभकी से जो डर गया उसने अपनी सीमाएं छोड़ दी और जो डटा रहा. उसके साथ चीन ने या तो समझौता कर लिया या फिर वही डटे रहकर विवाद को सालों तक जिंदा रखा. ना सिर्फ सीमाओं पर ब्लकि अपनी सीमा से हजारों किलोमीटर की दूरी पर मौजूद 9 देशों से भी सीमा को लेकर चीन ने विवाद पाल रखा है. यानि कुल 23 देशों से चीन ने सीमा दुश्मनी पाल ऱखी है. 
 
नंबर 1 (तजाकिस्तान)
चीन का कहना है कि तजाकिस्तान पर 1644 से 1912 के बीच चीन के किंग राजवंश का शासन रहा है. इस लिहाज से तजाकिस्तान पर उसका हक है.
 
नंबर 2  (किर्गिस्तान)
किर्गिस्तान में भी चीन ने अपनी दावेदारी ठोक रखी है. चीन कहता है कि किर्जिगिस्तान के बड़े हिस्से पर उसका अधिकार है.
 
नंबर 3 (अफगानिस्तान )
अफगानिस्तान से सीमा समझौता होने के बावजूद साल 1963 से चीन अफगानिस्तान के बड़े भूभाग पर अपना आधिपत्य जता रहा है.
 
नंबर – 4 ( पाकिस्तान )
चीन का अपने घनिष्ठ मित्र देश पाकिस्तान के साथ भी सीमा को लेकर विवाद है लेकिन पाकिस्तान चीन के आगे सरेंडर कर चुका है. जिस तरह से चीन  इकॉनामिक कॉरिडोर बना रहा है. वो आने वाले वक्त में पाकिस्तान के सबसे बड़ा नुकसान साबित होगा.
 
नंबर – 5 ( भारत ) 
भारत के साथ चीन का सीमा विवाद तो जगजाहिर है. सिक्किम सेक्टर में चीन के साथ इसी सीमा को लेकर विवाद भी चल रहा है. लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर तकरीबन चार हजार 57 किलोमीटर की सीमा चीन से लगती है.
 
नंबर 6 – ((नेपाल))
नेपाल के बड़े हिस्से पर चीन अपनी दावेदारी ठोकता है और ये विवाद नया नहीं बल्कि 1788 से 1792 के बीच चीन और नेपाल के बीच हुए युद्द के समय का है. चीन कहता है कि नेपाल तिब्बत का हिस्सा है इस लिहाज से नेपाल चीन का हुआ.
 
नबंर 7 ( भूटान )
भूटान के एक बड़े भूभाग पर चीन ने दावेदारी ठोक रखी है. चीन यहां तेजी से सड़को का निर्माण कर रहा है. इतना ही नहीं उसने यहां इंटरनेशनल बार्डर पर बंकर तक बना रखे है.
 
नंबर 8- ( बर्मा )
1271 से 1368 के बीच चीन के युआन राजवंश के समय बर्मा चीन का हिस्सा हुआ करता था. उसी इतिहास को आधार मानकर चीन बर्मा के एक बड़े भूभाग पर अपनी दावेदारी दिखाता है.
 
नंबर 9 ( लाओस)
ऐसे ही लाओस के साथ भी चीन ने विवाद खड़ा रखा है. चीन का कहना है कि युआन राजवंश के शासनकाल में लाओस पर उसका अधिकार था लिहाजा लाओस के भूभाग पर उसकी दावेदारी बनती है.
 
नंबर 10 (वियतनाम )
चीन कहता है कि वियतनाम पर 1368 से 1644 के बीच चीन के मिग राजवंश का शासन था इसीलिए वियतनाम पर चीन का हक है.
 
नंबर – 11 ( उत्तर कोरिया )
यूं तो चीन के नार्थ कोरिया से अच्छे संबध है लेकिन इन संबधो के बावजूद नार्थ कोरिया के जिन्दाओं इलाके पर चीन ने अपनी दावेदारी पेश कर रखी है.
 
नंबर – 12 ( मंगोलिया)
चीन का मानना है कि युआन राजवंश के शासनकाल में मंगोलिया भी उसका हिस्सा रहा है. हालांकि, सच्चाई यह है कि मंगोलिया के चंगेज खान ने चीन पर अपना आधिपत्य जमा लिया था.
 
नंबर – 13 ( रूस )
दुनिया की दूसरी बड़ी महाशक्ति रुस से यू तो चीन के संबंध फिलहाल अच्छे है लेकिन रूस के साथ लगती हुई 1 लाख 60 हजार वर्ग किलोमीटर की सीमा पर चीन अपनी दावेदारी जता चुका है.
 
नंबर 14  ( कजाखस्तान)
चीन का अपने सीमावर्ती देश कजाखस्तान के साथ भी सीमा को लेकर विवाद है. हालांकि, हाल ही में दोनों देशों के बीच समझौते हुए हैं जो चीन के पक्ष में गए है.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

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