नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों के हित के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है, आरबीआई ने खाताधारकों के लिए कार्ड या ऑनलाइन फ्रॉड के मामले में शून्य और सीमित देयता के कॉन्सेप्ट की शुरुआत की है.
आरबीआई की ये नई गाइडलाइन उन सभी खाताधारकों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आएगी जो ऑनलाइन बैंकिग का इस्तेमाल करते हैं. आरबीआई ने एक नई गाइडलाइन जारी करते हुए सभी बैंको को निर्देश दिए है कि वे सभी ग्राहकों के फोन नंबर रजिस्टर्ड करके उन्हें मैसेज अलर्ट के माध्यम से उनके लेन-देन की जानकारी दें.
ऑनलाइन बैंकिग करते वक्त बैंक की लापरवाही कि वजह से यदि किसी ग्राहक के साथ किसी भी प्रकार की धोखाधडी होती है तो उसके लिए बैंक जिम्मेदार होंगे न की खाताधारक की कोई जिम्मेदारी होगी. यदि कोई तीसरा पक्ष भी फ्रॉड करता है तो ऐसी स्थिति में भी ग्राहक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. ग्राहकों को 3 दिनों के अंदर बैंक को इस बात की सूचना देनी होगी नहीं तो खाताधारक को अधिकतम 25000 तक का नुकसान उठाना पड सकता है.
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने अंतिम दिशा निर्देशों को सामने रखा है और बैंकिग नियमों को सख्त बनाने की मांग की है. गुरुवार को जारी निर्देशों के अनुसार बैंक को खाताधारकों के अकाउंट को मोबाइल नंबर से लिंक करने की जिम्मेदारी दी गई है. बैंक ग्राहक के अकाउंट से की गई लेनदेन की जानकारी उन्हें फोन बैंकिंग, एसएमएस या ईमेल के जरिए भी दे सकते हैं.