अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों से लदे तीन ट्रक विश्व हिन्दू परिषद की निगरानी में अयोध्या के रामसेवकपुरम पहुंचे हैं. इससे पहले भी एक ट्रक पत्थर पिछले महीने लाए गए थे. पत्थरों की ये खेप राजस्थान के भरतपुर से लाई जा रही है. इस दौरान विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के कई कार्यकर्ता मौजूद थे.
VHP की मौजूदगी में लाए गए पत्थर
विश्व हिन्दू परिषद के मुताबिक मंदिर निर्माण के लिए 100 ट्रक पत्थरों की जरूरत है. जो जल्द अयोध्या आ जाएगी. वीएचपी के नेता नेता त्रिलोकी नाथ पांडेय ने कहा है कि सूबे में बीजेपी की सरकार है इसलिए अब मंदिर निर्माण में कोई रुकावट सामने नहीं आएगी. ये पत्थर पहले भी यहां लाए गए थे और अब फिर से इन्हें यहां लाए जा रहे हैं. बता दें कि यूपी की अखिलेश सरकार के दौरान भी साल 2015 में राजस्थान से पत्थर मंगाने की कोशिश की गई थी. लेकिन बाद में एसपी सरकार ने इस पर रोक लगा दी.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर आंदोलनरत संतों ने कहा है कि अगले हफ्ते आने वाली गुरु पूर्णिमा के बाद से आंदोलन काफी तेज हो जाएगा. बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण आंदोलन को तेज करने के लिए अयोध्या के सारे संत सीतापुर स्थित नारदानंद आश्रम में एकत्रित होकर मंदिर निर्माण की कार्ययोजना का खाका तैयार करेंगे. नारदानंद आश्रम प्रमुख स्वामी विद्या चैतन्य महाराज के मुताबिक, इस बैठक में यूपी और उसके आस-पास के राज्यों के विभिन्न अखाड़ों को संत जुटेंगे.
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने की थी टिप्प्णी
अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. बीते 20 मार्च को कोर्ट ने इस मामले में अहम बात कही थी. कोर्ट ने कहा कि राम मंदिर एक संवेदनशील और भावनात्मक मुद्दा है इसलिए ये बेहतर होगा कि इस मुद्दे को दोनों पक्ष आपस में मिलकर सुलझाएं.
SC मध्यस्थता को तैयार
अगर जरूरत पड़ती है तो सुप्रीम कोर्ट के जज मध्यस्थता को तैयार हैं. कोर्ट ने दोनों पक्षों को 31 मार्च तक बातचीत करके कोर्ट में जवाब देने को कहा था लेकिन 31 मार्च को इसे लेकर कोर्ट में कोई चर्चा नहीं हुई. श्री रामजन्मभूमि न्यास की ओर से बाबरी मस्जिद/रामजन्मभूमि विवाद कोर्ट में होने के बावजूद राम मंदिर निर्माण की कवायद 1990 से चल रही है.