नई दिल्ली: इस वीरानी सी जगह में सैकड़ों साल से एक आवाज गूंज रही है और ऐसा कब तक होगा. ये कोई नहीं जानता है.यहां के हर एक पत्थर पर कहानियों की कई परत चढ़ी है.
आज हम इन्हीं कहानियों और रहस्यों से पर्दा उठाने जा रहे है. इंडिया न्यूज शो ‘अद्भुत भारत’ में हमने इस जगह को इसलिए चुना. क्योंकि हम ये देखना चाहते थे और आपको भी दिखाना चाहते थे कि क्या वाकई यहां कोई रात के वक्त पत्थर का बन जाता है ?
हमारी 20 घंटे की पड़ताल में क्या कुछ सामने आया? हमने यहां आधी रात में क्या कुछ देखा? अगले कुछ ही मिनट में सबकुछ आपके सामने आने वाला है.
इस सबसे बड़े रहस्य की पड़ताल की एक-एक तस्वीर दिखाने से पहले. हम यहां एक बात साफ करना चाहते हैं कि हमारा मकसद किसी अंधविश्वास को बढ़ावा देने की नहीं है. हमारी टीम ने कोशिश की है कि इस रिपोर्ट को तैयार करते वक्त हम हर चीज़ को तार्किक तरीके से जांचें-परखें और उसे आपके सामने पूरी विश्वसनीयता के साथ रखें.
हम बस ये चाहते थे कि जो बात पिछले 900 साल से लोगों के जेहन में रहस्य बनी है. उसका पूरा सच आपके सामने आना चाहिए. क्या वाकई यहां रात के वक्त रुकने वाला इंसान पत्थर का बन जाता है?
बता दें कि बाड़मेर से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद किराड़ू पहुंचने में हमें करीब एक घंटा लगना था. लेकिन मंदिर तक पहुंचने से पहले हम किराड़ू से करीब एक किलोमीटर पहले रुक गए. हमें वहां एक गांव दिखा, हमने सोचा कि पहले यहां के लोगों से सुने कि उनका क्या कहना है.