नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के. के. वेणुगोपाल भारत के नये अटॉर्नी जनरल होंगे. अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी द्वारा पद से इस्तीफा देने का फैसला लेने के बाद यह निर्णय किया गया है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.
के के वेणुगोपाल ने मोरारजी देसाई की सरकार के समय अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का पदभार संभाला था. के के वेणुगोपाल बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के लिए बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में थे. पिछले पचास सालों में उन्होंने कई केस लड़े हैं. 2 जी स्पेट्रम मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट की मदद के लिए नियुक्त किया गया था.
वेणुगोपाल ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम की सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व किया था. इसमें उन्होंने उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली को हटाने के लिए केंद्रीय कानून की वैधता का समर्थन किया था.
वेणुगोपाल का जन्म 1931 में केरल में हुआ था. उन्होंने बेलगाम के राजा लखामगौडा लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की. उनके पिता एमके नाम्बियार भी वकील थे. 86 साल के वेणुगोपाल ने 1954 में मैसूर हाईकोर्ट के बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराया था. बाद में मद्रास हाईकोर्ट में अपने पिता एमके नाम्बियार के अंडर में प्रेक्टिस शुरू की. 1960 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की.