नई दिल्ली: आज आधी रात से जीएसटी लागू हो रहा है. इसे लेकर संसद के सेंट्रल हॉल में खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी जीएसटी लॉन्च करेंगे. जीएसटी लॉन्चिंग का कार्यक्रम शुक्रवार रात पौने ग्यारह बजे से शुरू होगा जो 12 बजकर 10 मिनट तक चलेगा. कार्यक्रम में जीएसटी पर दो डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई जाएगी.
इस खास कार्यक्रम में मंच पर राष्ट्रपति मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष, वित्त मंत्री के अलावा दोनों सदन के सांसद मौजूद रहेंगे. संसद के सेंट्रल हॉल में आधी रात को चौथी बार जश्न होने जा रहा है. पहली बार 1947 में आजादी के वक्त, दूसरी बार आजादी की रजत जयंती पर 1972 में और तीसरी बार स्वर्ण जयंती पर 1997 में हुआ था.
संसद में रात 10 बजकर 45 मिनट पर जीएसटी को लेकर कार्यक्रम की शुरुआत होगी. शुरू में जीएसटी पर 10 मिनट की फिल्म दिखाई जाएगी. इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली का भाषण होगा. जेटली के बाद पीएम और राष्ट्रपति का 25-25 मिनट का भाषण होगा. आधी रात 12 बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संसद के सेंट्रल हॉल में घंटा बजाकर जीएसटी के लागू होने का एलान करेंगे.
संसद में जीएसटी को लेकर हो रहे जश्न से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने दूरी बना ली है. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और लालू यादव की आरजेडी ने भी इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. कांग्रेस और आरजेडी ने भले ही जीएसटी के जश्न का बायकॉट किया है लेकिन जेडीयू कार्यक्रम में शामिल होगा. नीतीश कुमार खुद नहीं आ रहे लेकिन वो अपने मंत्री विजेंद्र यादव को भेज रहे हैं.
जीएसटी के जश्न में जिन 100 हस्तियों को न्योता दिया गया है उनमें महानायक अमिताभ बच्चन, गायिका लता मंगेशकर, उद्योगपति रतन टाटा, वकील हरीश साल्वे, मेट्रो मैन ई श्रीधरन, कृषि वैज्ञानिक एम स्वामीनाथन शामिल हैं. जीएसटी आधी रात से लागू होने जा रहा है लेकिन बीजेपी शासित यूपी के मंत्री रमापति शास्त्री को जीएसटी का फुल फॉर्म ही मालूम नहीं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि आधी रात को संसद में जो भी कार्यक्रम हुए हैं वह आजादी से जुड़े हुए हैं और जीएसटी को इस तरह लागू करना वह संसद की गरिमा के खिलाफ है. आजाद ने कहा कि साल 1947 में आजादी, 1972 में आजादी की सिल्वर जुबली और 1997 में आजादी की गोल्डन जुबली के कार्यक्रम आधी रात को सेंट्रल हॉल में आयोजित हुए थे.
कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह आजादी से जुड़े आंदोलन में शामिल नहीं हुए हैं इसलिए उन्हें आजादी का मोल नहीं पता, लेकिन विपक्ष और कांग्रेस आजादी का मोल जानती है. उसे उसकी अहमियत पता है.