नई दिल्ली: एयर इंडिया में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एयर इंडिया के विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी. जिसके बाद प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने इसमें रुचि दिखाई है.
कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन कंपनी एअर इंडिया के अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के अधिग्रहण में रूचि दिखाते हुए इंडिगो ने नागर विमानन मंत्रालय को पत्र भी लिखा है. इस बात की जानकारी खुद नागर विमानन सचिव आर एन चौबे ने दी. उन्होंने बताया कि इंडिगो ने एअर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया में रुचि दिखाई है और इसके लिए पत्र (EOI) भी लिखा है.
वहीं इंडिगो का कहना है कि वह एयर इंडिया के अंतरराष्ट्रीय परिचालन और इसकी इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस को खरीदना चाहती है. इंडिगो के अध्यक्ष आदित्य घोष ने पत्र में कहा कि अगर यह संभव नहीं होता है तो वे एयर इंडिया के घरेलू परिचालन के साथ ही समूचे परिचालन को खरीदना चाहेंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडिगो ने नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू को यह पत्र मंत्रीमंडल के फैसले के बाद भेजा है.
बता दें कि मुताबिक राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया की मार्केट में 14 फीसदी की हिस्सेदारी है. वहीं एयर इंडिया करीब 50000 करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ तले दबी हुई है. पिछले साल जून के ही महीने में सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया था. जिसके तहत ही एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है.