राजकोट: गुजरात के राजकोट में सामाजिक अधिकारिकता शिविर में पीएम मोदी ने दिव्यांगों को उनका जीवन सुगम बनाने के लिए सहायक उपकरण दिए. उन्होंने कहा कि राजकोट का प्यार कभी नहीं भूल सकता. मेरे जीवन में राजकोट का विशेष महत्व है. अगर राजकोट ने मुझे गांधीनगर चुनकर न भेजा होता तो आज मैं दिल्ली नहीं पहुंच पाता. 40 साल बाद कोई पीएम राजकोट आया है. मुझसे पहले यहां मोरारजी देसाई आए थे.
पीएम मोदी ने कहा कि देश में करोड़ों की तादात में दिव्यांग हैं. दुर्भाग्य से अधिकतम दिव्यांग जिस परिवार में जन्म लेते हैं ज्यादातर उस परिवार के जिम्मे ही उनका लालन-पालन होता है. दिव्यांग के माता-पिता ईश्वर भक्ति की तरह उनका लालन-पालन करते हैं. केंद्र सरकार गरीबों को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. दिव्यांग पूरे समाज की जिम्मेदारी हैं. उनके लिए हम सभी के मन में संवेदनाएं होनी चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि दिव्यांगों के लिए सांकेतिक भाषा हर राज्य में अलग-अलग थी. हमने सरकार में आने के बाद एक सांकेतिक भाषा का कानून बनाया. तीन साल के भीतर सरकार द्वारा 5500 कार्यक्रम अयोजित कराए गए हैं. जबकि, 1947 से लेकर साल 2013 तक महज 55 कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित किए गए थे. उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों को विशेष सुविधा दी जानी चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह काफी देर बाद राजनीति में आए हैं. जवानी का लंबा समय आदिवासियों के बीच काम करने में बीता, राजनीति में आया फिर भी यह विचार नहीं था कि इस राह पर आना है, संगठन के लिए काम करता था. हमारी धरती अहिंसा की धरती है, हमारी जन्मभूमि महात्मा गांधी की जन्मभूमि है, हम यह कैसे भूल सकते हैं. इस देश में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.
बता दें कि पीएम मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं. वह गुरुवार की सुबह ही अहमदाबाद पहुंचे हैं. पीएम मोदी ने अहमदाबाद पहुंचते ही साबरमती आश्रम का दौरा किया. उन्होंने वहां चरखा चलाया. इसके अलावा उन्होंने साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी जी से जुड़ी स्मृतियों को देखा, साथ ही वृक्षारोपण भी किया. दो दिन में पीएम मोदी कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. पिछले पांच महीनों में पीएम मोदी का ये नौवां गुजरात दौरा है.