नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बुधवार शाम 6 बजे से जंतर-मंतर पर विरोध प्रर्दशन हो रहा है, जिसमें देश के अलग-अलग इलाकों में भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं के खिलाफ ये आवाज बुलंद की जा रही है. साथ ही देश भर में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती हुई घातक हिंसा के खिलाफ देश के अलग-अलग जगहों से नागरिक विरोध प्रदर्शन के लिए इकठ्ठे हुए हैं.
‘नॉट इन माइ नेम’ शीर्षक से होने जा रहा यह प्रदर्शन दिल्ली के अलावा देश के 10 और शहरों में भी किया गया. इसकी शुरुआत हुई फिल्म प्रोड्यूसर सबा दीवान के फेसबुक पोस्ट से. जिसमें उन्होंने दिल्ली के पास एक ट्रेन में एक युवक के मर्डर के बाद भीड़ द्वारा धर्म, जाति और गाय के नाम पर की जा रही हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने से जुड़ा एक पोस्ट किया. वे इसे दलितों, अल्पसंख्यकों और दूसरे उपेक्षित समूहों के साथ हो रही सुनियोजित हिंसा के खिलाफ नागरिक अभियान बताती हैं.
ईद से ठीक पहले 16 साल के जुनैद को दिल्ली के पास एक चलती ट्रेन में भीड़ ने मार डाला था. ये अभी तक का सबसे ताजा मामला है. जिसका परिवार भी इस प्रदर्शन में शामिल हुआ. पिछले कुछ समय में देश में भीड़ ने ऐसी ही कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. पिछले दिनों कश्मीर में भी एक पुलिस अफसर मोहम्मद आयूब पंडित को भी भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था.
हरियाणा के बल्लभगढ़ में EMU ट्रेन में चाकूबाजी के दौरान मारे गए नाबालिग जुनैद के मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. ऐसी घटनाओं के विरोध में शबनम हाशमी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार पुरस्कार लौटा दिया है. साल 2008 में इस पुरस्कार से सम्मानित शबनम ने कहा कि यह पुरस्कार देने वाला राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है. उन्होंने आयोग के प्रमुख पर निशाना भी साधा.