नई दिल्ली : केंद्र सरकार वित्त वर्ष में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है. हो सकता है कि साल 2018 से वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल के बजाय कैलेंडर के मुताबिक जनवरी से हो सकती है. साथ ही आम बजट फरवरी की जगह नवंबर में पेश किया जा सकता है.
अगर मोदी सरकार वित्त वर्ष में यह बड़ा बदलाव करती है तो देश में पिछले 150 सालों से चली आ रही अप्रैल-मार्च में वित्त वर्ष की परंपरा बदल जाएगी. सरकार इस बड़े बदलाव की तैयारियों में लगी हुई है. अगर ऐसा होता है तो इस साल आम बजट नवंबर में ही पेश कर दिया जाएगा.
रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार चाहती है कि वित्त वर्ष भी कैलेंडर के हिसाब से चले. बता दें कि वैसे तो आम बजट हर बार फरवरी माह की आखिरी तारीख को पेश किया जाता था, लेकिन इस बार एक फरवरी को बजट पेश किया गया था. अब अगर सरकार बजट पेश करने का महीना ही बदल देती है तो यह एक ऐतिहासिक बदलाव होगा.
सरकार दिसंबर से पहले यानी नवंबर के अंत तक आम बजट पेश कर सकती है ताकि नए साल की शुरुआत से पहले बजट की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके. यूं तो बजट प्रक्रिया को पूरा करने में दो माह का वक्त लगता है इसलिए फरवरी में पेश किया गया बजट अप्रैल से लागू होता है. ऐसे में अगर वित्त वर्ष जनवरी से शुरू किए जाने पर सरकार विचार कर रही है तो बजट दिसंबर से पहले नवंबर में ही पेश किया जाएगा.
बता दें कि वित्त वर्ष की परंपरा 1867 में अपनाई गई थी ताकि ब्रिटिश सरकार के वित्त वर्ष के साथ भारतीय वित्त वर्ष का तालमेल बिठाया जा सके.