रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान रविवार को होटल विलार्ड इंटरकंटीनेंटल में अमेरिका की 21 दिग्गज कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की. उन्होंने कंपनियों को भारत में निवेश करने का न्यौता दिया है. राउंड टेबल पर पीएम ने कहा कि भारत का विकास दोनों देशों के लिए फायदा है.
वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान रविवार को होटल विलार्ड इंटरकंटीनेंटल में अमेरिका की 21 दिग्गज कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की. उन्होंने कंपनियों को भारत में निवेश करने का न्यौता दिया है. राउंड टेबल पर पीएम ने कहा कि भारत का विकास दोनों देशों के लिए फायदा है. अमेरिकी कंपनियों के लिए काफी अवसर हैं. उन्होंने कहा कि इस वक्त पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है.
Interacted with top CEOs. We held extensive discussions on opportunities in India. pic.twitter.com/BwjdFM1DaZ
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2017
पीएम मोदी ने एक जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह फैसला अमेरिका के बिजनस स्कूलों में स्टडी का विषय हो सकता है. उन्होंने इसे गेमचेंजर बताते हुए कंपनियों को भारत में निवेश का न्योता दिया. उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार ने करीब 7000 बदलावों के साथ व्यापार और उद्योग के लिए अब तक का सबसे अनुकूल माहौल पैदा किया है.
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इस दौरान मोदी के मेक इन इंडिया और ट्रंप के फर्स्ट अमेरिका नीतियों के बीच तालमेल बैठाने को लेकर अमेरिकी कंपनियों के सीईओ से बातचीत हुई. इस दौरान प्रधानमंत्री ने सीईओ की बातों को भी ध्यान से सुना और उनकी आशंकाओं, जिज्ञासाओं को शांत किया. यह बैठक सवा घंटे से ज्यादा समय तक चली.
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बैठक के दौरान माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, एप्पल कंपनी के सीईओ टिम कुक, गूगल के सुंदर पिचाई, वॉल-मार्ट के प्रमुख डाउग मैकमिलन, अमेजन के जेफ बेजोस, सिस्को के जॉन चैम्बर्स के अलावा अन्य कई दिग्गज कंपनियों के सीईओ उपस्थित रहे. प्रधानमंत्री की यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जबकि भारतीय उद्योग जगत अमेरिका में एच-1बी वीजा अंकुशों को लेकर चिंतित है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुछ ही देर में यहां के मशहूर होटल रिज कार्लटन के बॉल रूम में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करने वाले हैं. इसे लेकर इंडो अमेरिकन समुदाय के लोगों में जबर्दस्त उत्सुकता बनी हुई है. सब यही जानना चाहते हैं कि इस बार प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ किन-किन बड़े मुद्दों पर बात करने वाले हैं और उससे भारत को क्या फायदा होगा.