रमजान के दौरान भी जलता रहा कश्मीर, अबतक 42 लोगों की मौत

श्रीनगर: कश्मीर घाटी जिसे कभी अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता था उसे अब दहशतगर्दी और आतंक के लिए जाना जाता है. हिंसा का आलम ये है कि पवित्र रमजान के महीने में भी घाटी जल रही है. 28 मई से लेकर अबतक फौज, पुलिस, आतंकवादी और स्थानीय नागरिकों को मिलाकर 42 लोगों की […]

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रमजान के दौरान भी जलता रहा कश्मीर, अबतक 42 लोगों की मौत

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  • June 24, 2017 3:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
श्रीनगर: कश्मीर घाटी जिसे कभी अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता था उसे अब दहशतगर्दी और आतंक के लिए जाना जाता है. हिंसा का आलम ये है कि पवित्र रमजान के महीने में भी घाटी जल रही है. 28 मई से लेकर अबतक फौज, पुलिस, आतंकवादी और स्थानीय नागरिकों को मिलाकर 42 लोगों की मौत हो चुकी है.
 
इनमें सबसे ज्यादा दर्दनाक मौत डीएसपी एमए पंडित की हुई जिन्हें भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. स्थानीय कश्मीरी लोगों के मुताबिक पछले साल से अबतक घाटी में 100 से ज्यादा नागरिक मारे गए हैं और अगर इनमें आतंकियों और सुरक्षाबलों का आकंड़ा जोड़ दिया जाए तो ये आंकड़ा बहुत आगे बढ़ जाएगा.
 
 
वरिष्ठ पत्रकार शेख मुश्ताख के मुताबिक 1990 के दशक में रमजान के दौरान घाटी में आतंकवादी भी सुरक्षाबलों पर हमला नहीं करते थे. लेकिन पिछले कुछ सालों में रमजान के दौरान भी हिंसा होती है जिसकी वजह रमजान से पहले की होती है.
 
 
पिछले साल रमजान के दौरान 32 लोगों की मौत हुई थी. पिछले साल रमजान खत्म होने के कुछ ही दिन बाद यानी 8 जुलाई 2016 को हिजबुल के पोस्टक ब्वॉय बुरहान वानी को एनकाउंटर में मार गिराया गया था जिसके बाद से कश्मीर में हिंसा का एक नया दौर शुरू हुआ.
 
 
इस साल रमजान शुरु होने के बाद से अबतक 5 स्थानीय, 9 पुलिसकर्मी और 25 आंतकियों की मौत हुई है. इनमें हिजबुल कमांडर सबजार बट भी शामिल है जिसे सुरक्षाबलों ने एनकाउंर में ढेर किया. वहीं पिछले साल 7 जून से 5 जुलाई के दौरान मारे गए 32 लोगों में 2 जवान, 22 आंतकी और 8 सीआरपीएफ के जनावों की मौत हुई थी हालांकि इनमें कोई स्थानीय नागरिक नहीं था.
 
 
इस साल रमजान की शुरूआत ही सबजार बट की मौत के साथ हुई जिसके बाद तीन दिनों तक बाजार बंद रहे और सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हिंसक झड़प हुई. इसके करीब तीन हफ्ते बाद ही आतंकियों ने पुलिस चौकी को निशाना बनाया जिसमें एसएचओ फिरोज अहमद डार समेत 6 पुलिसकर्मियों की मौत हुई.
 
 
जेकेसीसीएस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले अबतक घाटी में 130 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें 35 सुरक्षाकर्मी, 78 आतंकी और 17 स्थानीय लोग शामिल हैं. पिछले साल इस दौरान 196 लोगों की मौत हुई थी. 

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