नई दिल्ली : सावन का महीना शुरू होने वाला है. वो महीना जिसमें भगवान शिव के भक्तों में कैलाश के दर्शन सीधे शिवलोक का रास्ता खोल देते हैं, लेकिन चीन ने एक बार फिर चालाक चाल चलते हुए कैलाश के उस रास्ते को फिर से बंद कर दिया है जिससे सड़क के जरिए शिव भक्त कैलाश के दर्शन करने के लिए जाया करते थे.
इस रास्ते को पीएम मोदी ने साल 2015 में ही खुलवाया था. आखिरकार क्या है नाथुला का वो रास्ता जिसे चीन ने एक बार फिर शिव और उनके भक्तों के लिए दीवार बना दिया है. समंदर से 22 हजार फीट की ऊंचाई पर कैलाश पर्वत है. मान्यता है कि भगवान शिव इसी पर्वत की चोटी पर अपने परिवार के साथ विराजमान थे.
शिव पुराण, स्कंद पुराण और विष्णु पुराण में इस बात का जिक्र मिलता है कि कैलाश पर्वत महादेव का निवास स्थान था. बता दें कि चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए शिवभक्तों के पहले जत्थे के लिए नाथुला दर्रे का रास्ता खोलने से इनकार कर दिया है.
50 यात्रियों का ये जत्था सिक्किम में नाथूला से कैलाश मानसरोवर जाने वाला था, लेकिन हफ्ते तक इंतजार के बाद ये यात्री शेरथांग और गंगटोक लौट आए हैं.