फर्रुखाबाद: यूपी के फर्रुखाबाद के डीएम रविंद्र कुमार ने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पर नकेल कसने को एक नायाब तरीका अपनाया. जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया है. उन्होंने 577 अधिकारियों और कर्मचारियों को सेंट्रल जेल ले जाकर दिखाई. हालांकि उन्होंने कोई गुनाह नहीं किया है लेकिन भविष्य में कोई भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी न करें इसलिए सभी अधिकारियों को जेल दिखाई.
जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने इन सभी को जेल में बंद कैदियों से मिलवाया और ये बताया कि अगर आप लोगो ने भी गलत रास्ता चुना तो फिर आपका हाल वही होगा जो जेल में बंद कैदियों का होता है. डीएम कुमार ने बताया कि मैंने हाल ही में छह अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड किया था. मैं सरकारी कर्मचारियों को कड़ा संदेश देना चाहता हूं कि अगर उन्होंने अपनी वर्कस्टाइल नहीं बदली तो उन्हें भी जेल में सजा काट रहे पूर्व सरकारी कर्मचारियों जैसी स्थिति से गुजरना पड़ सकता है.
दरअसल राज्स्व विभाग में जमीन संबंधी शिकायते सबसे अधिक मिली हैं. कुछ लोग भ्रष्टाचार करते हुए रंगे हाथों दबोचे भी गए. उन्हें सजा भी हुई लेकिन इस विभाग में भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ. ये वो लोग है जिन्हें मौका नहीं मिला. अगर मिलेगा तो हो सकता है इनमें से ज्यादातर लोग भ्रष्ट आचरण के मामले में फंस जाए.
इसे सबक तो नहीं कहेंगे लेकिन सीख देने के लिए इस देश में पहली बार किसी जिलाधिकारी ने ऐसा प्रयोग किया है. ये प्रयोग में कामयाब भी हो सकता है क्योकि कोई भी गलत काम करने से पहले इन लोगों को जेल की ये यात्रा जरुर याद आएगी. सूत्रों के अनुसार, जेल में बंद कर्मचारियों के साथ एक जगह इन कर्मचारियों के साथ सेमिनार भी हुआ. इसमें उन्होंने अपने अनुभव बांटे.
इस भीड़ में उन लोगों को भी शर्मिदंगी महसूस हुई होगी जो अपनी जिम्मेदारी बेहद इमानदारी से निभा रहे है लेकिन गेहूं के साथ घुन के पीसने की कहावत भी सच है क्योकि विभाग बदनाम होता है तो वो चंद लोगों की वजह से होता है. यहा उन्ही चंद लोगों को सीख दी जा रही है.