टाडा : 1993 मुंबई बम ब्लास्ट के दोषी फिरोज खान पर टाडा अदालत ने 2000 रुपए का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने फिरोज पर अदालत का समय बर्बाद करने के मामले में यह जुर्माना लगाया है.
दरअसल फिरोज खान ने कोर्ट में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई थी, जिसके बाद कोर्ट ने उसे 3 गवाह पेश करने का आदेश दिया था. मंगलवार को एक गवाह पेश किया गया था. वहीं दो गवाहों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया.
लेकिन कोर्ट में पेश हुए दोनों गवाहों में से एक जहां सजायाफ्ता मुजरिम है तो वहीं दूसरा आरोपी है. फिरजो खान के वकील ने दोनों गवाहों से पूछताछ करने की जगह गवाहों को डिस्चार्ज करने की मांग रख दी.
इस मामले में जब अदालत ने ठोस सबूत पेश करने की मांग रखी तब वकील कोई सबूत पेश नहीं कर पाया. जिसके बाद अदालत का समय बर्बाद करने के मामले में 2000 रुपए का जुर्माना लगाया गया.
बता दें कि 1993 बम धमाका मामले में दोषी फिरोज खान ने आज अदालत में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई थी. फिरोज खान कटघरे में फूट-फूटकर रोते हुए बोला था ‘साहब, मुझे चाहे 25 साल या 50 साल चाहे जितनी भी सजा दे दो लेकिन फांसी की सजा मत दो. मैं जेल में जिंदगी गुजार दूंगा, बस मेरे दो बच्चों को मालूम रहना चाहिए कि मैं जिंदा हूं.’