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सऊदी सरकार के इस तुगलकी फरमान के बाद पत्नी से दूर रहने पर मजबूर होंगे भारतीय

सऊदी सरकार ने 1 जुलाई से वहां काम करने रहे विदेशियों कामगारों के आश्रितों पर परिवार टैक्स लगाने का फैसला किया है.

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  • June 21, 2017 5:57 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय कर्मचारी अब परिवारिक कुख से वंचित होने जा रहे हैं. इसकी वजह है सऊदी सरकार का तुगलकी फरमान. जी हां सऊदी सरकार ने 1 जुलाई से वहां काम करने रहे विदेशियों कामगारों के आश्रितों पर परिवार टैक्स लगाने का फैसला किया है. इस टैक्स के अंतर्गत प्रत्येक आश्रित पर 100 रियाल प्रति महीने का टैक्स लगेगा. ये बहुत बड़ी रकम है. इसलिए वहां काम कर रहे भारतीयों ने अपने परिवार के सदस्यों (पत्नी, बच्चों) को भारत भेजना शुरु कर दिया है.
 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 1 जुलाई 2017 से प्रत्येक आश्रित 100 रियाल का टैक्स लगेगा, जिसे साल दर साल बढाया जाएगा. यह टैक्स 2020 तक हर साल 100-100 रियाल बढ़ाया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि वहां रहने वाले एक डिपेंडेंट के लिए 2020 में 400 रियाल यानी 6800 रुपए टैक्स के तौर पर चुकाने होंगे. 
 
हालांकि, कुछ कंपनियों ने काम करने वाले लोगों को डिपेंडेंट फीस देने का फैसला किया है, लेकिन ज्यादातर लोगों को यह फीस खुद ही भरनी होगी. इस टैक्स से भारत पर पड़ने वाले प्रभाव पर विदेश मंत्रालय के सीनियर अधिकारी ने कहा कि उसके बारे में अभी कुछ भी नहीं बताया जा सकता है.
 
बता दें कि सऊदी में करीब 41 लाख भारतीय फैमिली रह रही हैं. सऊदी में सबसे अधिक भारतीय देश के लोग रह रहे हैं. दमाम में रह रहे एक कंप्यूटर प्रोफेशनल मोहम्मद ताहिर ने कहा कि मेरे जानने वाले कई ऐसे परिवार हैं जो अपने परिवार के सदस्यों को देश वापस भेजने की सोच रहे हैं, क्योंकि उनके लिए इतनाआर्थिक बोझ उठा पाना संभव नहीं है. 

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