नई दिल्ली : भारतीय रेलवे एक नया प्लान तैयार करने जा रही है जिससे आने वाले समय में यात्रियों का समय बचाया जा सके. जुलाई में रेलवे दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा के बीच लगने वाले समय 17 से 12 घंटे तक घटाने वाला प्रस्ताव पेश करेगी.
यह योजना प्रत्येक रेलवे लाइन को 200 किलोमीटर प्रति घंटा की गति की स्पीड से चलाने की होगी. गौरतलब है कि अभी दिल्ली से आगरा के बीच दौड़ने वाली गितिमान एक्सप्रेस स्पीड के मामले में सबसे आगे है, इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रति घंटा है.
बता दें कि ज्यादातर भारतीय ट्रेनों की गति 100 किमी / प्रति घंटे की रफ्तार से भी धीमी है. एक रेल अधिकारी के मुताबिक वर्तमान में राजधानी ट्रेनों की स्पीड 75 किमी / घंटा और प्राइवैलेंट एक्सप्रेस, मेल ट्रेनों को स्पीड 52 किमी / घंटा है और मालगाड़ी ट्रेन की स्पीड केवल 22 किमी / घंटा है.गौरतलब है कि नई योजना का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में पास हो जाएगा, इससे पहले रेल बजट में सैकड़ों परियोजनाओं की घोषणा की गई है. लगभग 5 लाख करोड़ रुपए के अनुमानित 394 रेल परियोजनाएं फिलहाल लंबित पड़ी हैं.
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के मुताबिक, नई योजना का कार्यान्वयन जनवरी 2018 से शुरू होगा, इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में दो से तीन साल का वक्त लगेगा. इस प्रोजेक्ट में 18,163 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. इस परियोजना में रेलवे बिजली व्यवस्था में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करेगा.इसके बाद सरकार को ‘गोल्डन क्वाड्रीलेटल’ में तेजी से ट्रेन चलाने की उम्मीद है, जिसमें दिल्ली-चेन्नई और मुंबई-कोलकाता लाइन भी शामिल हैं.
गोल्डन क्वाड्रीलेटल में 9, 100 किलोमीटर की लाइन है जिसमें से 6,400 किलोमीटर (कुल का 70%) लाइन की क्षमता इतनी भी नहीं है कि ट्रेन को 130 किमी / घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जा सके.