अर्ध सत्य: 8 सालों में पाकिस्तान से अलगाववादी नेताओं ने लिए 1500 करोड़

लंदन में भारत-पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्राफी फाइनल से पहले जंग जैसे हालात हैं. ऐसे में हिन्दुस्तान के एक नेता ने पाकिस्तान को ट्विटर पर फाइनल के लिए बधाई दी है. उनके दिल में हिंदुस्तान के लिये ऐसी दुआ पैदा ही नहीं हुई, लिहाजा लोग इन्हें खूब खरी खोटी सुना रहे हैं.

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अर्ध सत्य: 8 सालों में पाकिस्तान से अलगाववादी नेताओं ने लिए 1500 करोड़

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  • June 19, 2017 11:21 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: लंदन में भारत-पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्राफी फाइनल से पहले जंग जैसे हालात हैं. ऐसे में हिन्दुस्तान के एक नेता ने पाकिस्तान को ट्विटर पर फाइनल के लिए बधाई दी है. उनके दिल में हिंदुस्तान के लिये ऐसी दुआ पैदा ही नहीं हुई, लिहाजा लोग इन्हें खूब खरी खोटी सुना रहे हैं.  ये नेता कश्मीर के हैं- मीरवाइज उमर फारुक जो पैसा खाकर ट्वीट करते हैं.
 
मीरवाआइज अकेले नहीं हैं बल्कि उनके जैसे नेताओं की एक पूरी जमात है जो पैसे लेकर पत्थर फिंकवाती हैं, पैसा लेकर नारे लगवाती है, पैसे के लिये पाकिस्तान के नाम की माला जपती है और उसी पैसे के लिये कश्मीर के नौजवानों को भड़काती है-भटकाती है. अपने घर-खानदान को विदेशों में पालती पढाती है और दूसरों को मरने मारने के लिये सड़कों पर उतारती है. खुद की सलूलियतों और सुरक्षा पर सरकार का करोड़ों खर्च करवाती है.
 
 
ये जमात और कश्मीर में बेहतरी की राह पर आग लगाती है और नौजवानों के दिमाग में आग बोती भी है. सेना ने कश्मीर के खूंखार आतंकियों की लिस्ट बनाई रखी है. इसमें 12 आतंकियों की हिट लिस्ट थी. जो एक-एक कर ठिकाने लगाए जा रहे हैं.
 
 
पिछले साल कुछ बुहरान वानी के मारे जाने के बाद उसी के संगठन हिज्बुल मुाजाहिदीन का अगला कमांडर सब्जार ढेर हुआ, लश्कर का कमांडर जुनैद मट्टू मारा गया और पिछले कुछ महीनों में जितने भी खूंखार आतंकियों को हमारे जवानों ने ठिकाने लगाया उनको इस ग्राफिक्स के जरिए आपके सामने मैंने रखा है, ताकि आप ये समझ पाएं कि सेना और सुरक्षाबलों के हाथ अब ज्यादा खुले हैं और वो आतंकवादियों पर कहर बनकर टूट रहे हैं. कश्मीर के हालात के लिये जिम्मेदार जो अलगाववादी नेता हैं.
 
 
सैयद अली शह गिलानी, मौलाना मीरवाइज उमर फारुक, यासीन मलिक, शब्बीर शाह, आसिया आंद्रियाबी. ये तमाम लोग अलग पार्टियों के नेता है और ऐसे ही 28 दलों ने 9 मार्च 1998 को हुर्रियत कांफ्रेंस यानी आजादी का मोर्चा बनाया. लेकिन सितंबर 2003 में 12 दल अलग हो गए. गिलानी पहले जमात-ए-इस्लामी के नेता हुआ करते थे, लेकिन 7 सितंबर 2004 को इन्होंने तहरीके हुर्रियत नाम से अलग संगठन बना लिया और आज की तारीख में हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन हैं और अलगाववादी नेताओं में सबसे मजबूत चेहरा है. इनकी जुबान हिंदुस्तान को लेकर जहर उगलती है और ये नौजवानों को दिन-रात भड़काते रहते हैं.
 
 
गिलानी कश्मीर के नौजवानों को जिंदगी आजादी की जंग के नाम करने को कहते हैं उन गिलानी के बेटे नईम पाकिस्तान के रावलपिंडी में डाक्टर है. दूसरा बेटा जहूर भारत में एक प्राइवेट एयरलाइंस में काम करता है और उनकी बेटी जेद्दा में रहती है जिनके पति जेद्दा में इंजीनियर हैं. 
 
मीरवाइज उमर फारुक. पाकिस्तान की टीम के फाइनल में पहुंचने पर ट्वीट कर बधाई देते हैं. बहन रबीबा फारुक डाक्टर हैं और लंदन में रहती हैं. मीरवाइज उमर फारुक की पत्नी शीबा मसूदी अमेरिकी हैं. ये दीगर बात है कि शीबा के माता-पिता कश्मीर के ही हैं लेकिन वे 70 के दशक में अमेरिका में बस गए जहां शीबा का जन्म हुआ.  
 
 
हिंदुस्तान के लिए जरुरी है कि कश्मीर का नौजवान आईआईटी, आईएएस, एनडीए, सीडीएस और दूसरे मोर्चों पर लगातार कामयाब होता जाए, वहां के किसान की पैदावार बढती जाए, घाटी में रोजगार के साधन खड़े हों, खाली पेट और नशे की गिरफ्त से नौजवान बाहर आए. देश की सबसे जरुरी जिम्मेदारियों में यह सब शुमार किया जाना चाहिए औऱ भारत सरकार को पूरी ताकत से काम करना चाहिए. 
 
सेना कुछ पत्थरबाजों को देश घुमाने ले जानेवाली है. उन्हें ये दिखाने के लिये कि देखो हिंदस्तान कैसा है और कितनी तेजी से बदल रहा है. 
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

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