नई दिल्ली : गर्मी के दिनों में पानी के लिए तरस रहे लोगों को इस बात का शायद अंदाजा भी नहीं होगा कि पानी को पीने लायक कैसे बनाया जाता है. पानी पर सियासत तो बहुत लोगों ने की होगी, लेकिन पानी को शुद्ध और पेयजल कैसे बनाया जाता है, इसकी जानकारी एका दुक्का लोगों को ही होगी.
आज इंडिया न्यूज आपको बताएगा कैसे रॉ वॉटर से पीने लायक पानी तैयार किया जाता है. नार्थ ईस्ट दिल्ली में मौजूद सोनिया विहार ये प्लांट लगा है. इस प्लांट में 140 एमजीडी पानी की सप्लाई सीलमपुर, जाफराबाद, साउथ दिल्ली के कुछ इलाकों समेत नार्थ ईस्ट के तमाम इलाकों में सप्लाई जाती है लेकिन इस पानी को कैसे पीने के लिए तैयार किया जाता है, आद हम आपको इस बात से रू-ब-रू कराएंगे.
सबसे पहले गंगा और यमुना के रॉ वॉटर को लिया जाता है, वाटर पंप के जरिए पानी को ऊपर लाया जाता है.जहां रॉ वॉटर में ज्यादा ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाया जाता है और प्री क्लोरिन डालकर पानी को साफ करने का पहला स्टेज पूरा किया जाता है.
क्लोरिन और ऑक्सीजन युक्त पानी को pre settlers तय पहुंचाया जाता है, खासकर बरसात के मौसम में यानि जुलाई अगस्त के महीने में pre settlers का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है. pre settler के जरिए पानी में मौजूद गदंगी को निकाला जाता है. धीरे धीरे क्लॉक वाइज चलने के वजह से पानी को शुद्ध करके दूसरा चरण पूरा किया जाता है.
रॉ वाटर से गदंगी निकालने के बाद पानी pulsators में जाता है. जहां पानी के अंदर मौजूद बारिक से बारिक गदंगी को साफ किया जाता है, फिर ये पानी वहीं मौजूद फील्टर्स में जाता है. जहां पानी पूरी तरह से साफ हो जाता है और ये पानी पीने लायक तैयार हो जाता है.
इन तमाम प्रोसिजर के दौरान पानी को कई तरह के टेस्ट से गुजरना पड़ता है जैसे पानी की डेंसीटी, साफ्टवेस ऑफ वॉटर के साथ साथ टीडीएस की जांच होती है. साथ ही पानी में अमोनिया का मात्रा को भी लगातार चेक किया जाता है. पीने लायक पानी को पम्पिंग स्टेशन के जरिए पानी की सप्लाई अलग अलग इलाकों में बने यूजीआर या स्टेशन के ज़रिये पानी का डिस्ट्रिब्यूशन घर घर किया जाता है.