श्रीनगर: आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा है कि सेना कश्मीर में अपनी जिम्मेदारी निभा रही है और पत्थरबाजों से निपटने में मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं किया जा रहा. रावत ने कहा कि घाटी में तैनात हमारे अफसर ऐसे हालात से निपटने के लिए ट्रेन्ड हैं. बच्चों या महिलाओं के सामने आने पर वो ठीक से डील करते हैं. सेना मानवाधिकार में यकीन रखती है, हमारा रिकॉर्ड अच्छा है.
आर्मी चीफ ने कहा कि कश्मीरी नौजवानों को गुमराह किया जा रहा है और हमें लोगों की जिंदगी की परवाह है और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि मानवाधिकार का उल्लंघन न हो. हम पत्थरबाजी की समस्या से जल्द निपटेंगे. आर्मी चीफ का बयान ऐसे समय आया है. उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अच्छा काम कर रहे हैं.
जनरल रावत के अनुसार दक्षिण कश्मीर में कुछ हिस्सों में जरूर तनाव है लेकिन यहां पर स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना कश्मीर के लोगों के साथ है और उनकी हमेशा उनकी रक्षा करेगी.
बता दें कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में मारे गए लश्कर आतंकी और उसके साथियों के जनाजे में आतंकियों का जमावड़ा लगा. जनाजे में आए आतंकियों ने अंधाधुंध हवाई फायरिंग की. बिजबेहड़ा में जुनैद मट्टू के जनाजे के दौरान हथियारों से लैस आतंकी अचानक भीड़ में घुस आए. जब ये एक मंच पर खड़े थे, तब दूसरे लोग उनका हौसला बढ़ा रहे थे. देखते ही देखते जनाजे में गोलियों की आवाज गूंजने लगी. ये आतंकी बेखौफ होकर फायरिंग करते रहे.
शुक्रवार को सुरक्षाबलों मे ज्वाइंट ऑपरेशन में जुनैद मट्टू, नासिर और मुजमिल को ढेर कर दिया था. इसके बाद इनके जनाजे में पहुंचकर 15 आतंकियों ने हमदर्दी दिखाने की कोशिश की. जुनैद मट्टू के जनाजे में 5 आतंकी शामिल हुए, जबकि नासिर के जनाजे में 10 आतंकी पहुंचे. काफी देर तक ये आतंकी हाथों में हथियार लहराते रहे फिर हवाई फायरिंग शुरू कर दी.