जिन्दगी का सबसे अहम हिस्सा यानि पानी जितनी तेज़ी से हम खत्म कर रहे हैं, हमारी जिन्दगी बचेगी कैसे हम खत्म नहीं हो जाएंगे ? बिना खाना खाए आप चार पांच या दस दिन भी रह लेंगे लेकिन पानी के बिना 1 या 2 दिन भी रह पाएंगे क्या नहीं रह पाएंगे. लेकिन जिसके बिना जिन्दा रहने की कल्पना भी नहीं हो सकती उसी पानी को कल्पना से परे जाकर रोज़ लुटा रहे हैं हम, खत्म कर रहे हैं.
नई दिल्ली: जिन्दगी का सबसे अहम हिस्सा यानि पानी जितनी तेज़ी से हम खत्म कर रहे हैं, हमारी जिन्दगी बचेगी कैसे हम खत्म नहीं हो जाएंगे ? बिना खाना खाए आप चार पांच या दस दिन भी रह लेंगे लेकिन पानी के बिना 1 या 2 दिन भी रह पाएंगे क्या नहीं रह पाएंगे. लेकिन जिसके बिना जिन्दा रहने की कल्पना भी नहीं हो सकती उसी पानी को कल्पना से परे जाकर रोज़ लुटा रहे हैं हम, खत्म कर रहे हैं.
जहां कुछ दिन पहले एक दिन में मानों पूरे सीज़न की बारिश हो गई यानि शहर पानी पानी हो गया. दूसरी तस्वीर नासिक की है जो वैसे तो पश्चिम में है लेकिन वहां भी वही हुआ जो गुवाहाटी में हुआ. बादल इतना बरसे कि शहर तालाब बन गया और लोग हलकान रहे. लेकिन एक तरफ़ ये तीसरी तस्वीर है जो इसी हिन्दुस्तान के कई हिस्सों का सच है जहां पीने तक के लिए पानी की किल्लत है.
अब ये मत सोच लिजिएगा कि ये तो कुदरत का किया है, आप क्या कर सकते हैं इसमें बिलकुल नहीं. ये सब हमारा आपका किया है. कैसे ये बताएंगे लेकिन पहले गुवाहाटी और नासिक में जो हुआ है उसपर ये रिपोर्ट देखिए और मसले को करीब से समझिए सीजन की बारिश एक दिन में हो गई और महीने की बारिश घंटों में। ये दो तस्वीरें हिन्दुस्तान की है.
पहली गुवाहटी की जो सुदूर पूरब में है. दूसरी नासिक की. जो पश्चिम में है. गुवाहटी में अचानक हुई भयंकर बारिश ने शहर का क्या हाल किया उसे देखिए. कुछ घंटों पहले जहां बारिश के लिए मन्नतें मांगी जा रही थी.वहां मुसीबत की ऐसी बारिश हुई कि लोगों का जीना मुहाल हो गया.
इतनी बारिश की ये कार वाले भाई साहब सड़क से भाग नहीं पाए. इन दुकान वालों को दुकान बंद करनी पड़ी. कुछ घंटों की बारिश के बाद मिन्युसपैलिटी वालों को हजार-हजार हॉर्स पावर के पंप लगाने पड़े. ताकि बाजार और कॉलोनी में भर चुके पानी को निकाला जा सके. ऐसा इसलिए हुआ कि बारिश मिलीमीटर में होने के बदले सेंटीमीटर में हुई. जो बारिश कई महीनों में होती वो कुछ घंटों में हो गई.