नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर जिन चीजों के लिए मशहूर है, उनमें बादाम भी एक है लेकिन, सेहत के लिए सबसे बेहतरीन ड्राई फ्रूट बादाम ही अब घाटी में आतंकियों की ताकत बढ़ाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है. एनआईए की पड़ताल के बाद दर्ज हुई एफआईआर में इस बात का सनसनीखेज़ खुलासा हुआ है कि बादाम गिरी के कारोबार की आड़ में आतंकियों की फंडिंग लंबे समय से हो रही थी.
बादाम से बन रही है आतंक की सेहत !
जो बादाम लोगों की सेहत बनाता है, उसी बादाम के जरिए कश्मीर घाटी में आतंकवाद फल-फूल रहा था. ये खुलासा NIA की FIR कॉपी से हुआ है. ये एफआईआर पिछले साल दिसंबर में दर्ज की गई थी. इसमें साफ तौर से लिखा गया है कि पाकिस्तान से कैलिफोर्निया बादाम मंगाने की आड़ में बड़े पैमाने पर घाटी में फंड का ट्रांसफर हुआ.
जांच एजेंसी को ये भी पता चला कि बादाम की असल कीमत से दोगुने दाम पर इसकी खरीद हुई है और इसमें मुनाफे का बड़ा हिस्सा आतंकी और अलगाववादी नेताओं तक पहुंचाया गया. NIA की जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान के साथ ट्रेडिंग करने वाली एक एक कंपनियों ने 20- 20 प्रॉक्सी कंपनियां बनाकर इस पूरे खेल को अंजाम दिया.
ऐसी ही फर्जी कंपनियों के जरिए साल 2008 से 2016 के बीच आतंक की फंडिंग होती रही सिर्फ पुंछ और बारामुला के रास्ते 1550 करोड़ रुपये कारोबार के नाम पर भेजे गए. अब NIA ये जांच कर रही है कि इतनी बड़ी रकम आखिर गई कहां ?
आतंक के लिए ISI का ‘बादाम प्लान’ !
NIA के सूत्रों के मुताबिक एक्सपोर्ट-इंपोर्ट के इस खेल की देखरेख के लिए पाकिस्तान ने अपने एक रिटायर्ड आर्मी ब्रिगेडियर को लगाया था, जिसने बादाम व्यापार की आड़ में करोड़ों रुपए का फंड आतंकी और अलगाववादी नेताओं तक पहुंचाए. वैसे NIA ने इस मामले की जांच तेज कर दी है.
टेरर फंडिंग की जांच में दबिश
साल 1990 के बाद ये पहला मौका है जब हुर्रियत नेताओं को पाक से होने वाली फंडिंग की जांच में दबिश डाली गई है. कुछ अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी भी की गई है. इसी सिलसिले में पिछले दिनों NIA ने 3 अगलाववादी नेताओं को दिल्ली बुलाकर पूछताछ भी की थी.