श्रीनगर: पाकिस्तान अमरनाथ यात्रा को निशाने पर लेने की कोई बड़ी साज़िश रच रहा है. इंडिया न्यूज़ को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक यात्रा की सुरक्षा को बेहद सख्त किया जा रहा है. पहली बार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए सेना की 5 बटालियनों को तैनात किया गया है. ये कदम यात्रा के दौरान किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए उठाया गया है.
इससे पहले सेना की केवल दो बटालियनों को तैनात किया जाता था. इस बार जिन पांच बटालियनों को तैनात किया जा रहा है उनमें से एक उत्तर और एक दक्षिण हिस्से में तैनात रहेगी. जबकि तीन बटालियनों को जवाहर सुरंग से लेकर उस रास्ते की तरफ तैनात किया जाएगा जहां से यात्री आगे बढ़ेंगे.
अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य पुलिस की होती है लेकिन इस बार मौजूदा हालात को देखते हुए अतिरिक्त तैनाती की गई है. दरअसल, कश्मीर घाटी जहां पिछले 24 घंटे में हुए 6 आतंकी हमलों से दहली वहीं आतंकियों का एक नया वीडियो भी सामने आया है.
इस वीडियो में लश्कर ए तैयबा और हिज़्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी एक साथ दिख रहे हैं. इस वीडियो में 16 आतंकवादी नज़र आ रहे हैं. वीडियो में हर आतंकवादी का नाम लिखा है. पुलिस का कहना है कि इस वीडियो में लश्कर और हिज्बुल के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी दिख रहे हैं. बताया जा रहा है कि ये वीडियो दक्षिण कश्मीर का है. पुलिस इस वीडियो की सत्यता की जांच कर रही है.
पाकिस्तान ने LoC से लेकर कश्मीर के भीतर तक बीते 24 घंटे में कई नापाक हमले करवाए हैं. अब से कुछ देर पहले पाकिस्तान ने आज तीसरी बार सीजफायर तोड़ कर नौशेरा सेक्टर में भारी गोलीबारी की है. इससे पहले राजौरी के भीमबर गली सेक्टर में जहां पाकिस्तानी सेना ने मोर्टार से बमबारी की. वहीं कश्मीर में मंगलवार शाम से देर रात तक एक के बाद एक 6 आतंकवादी हमले हुए.
सबसे चौंकाने वाला खुलासा ये कि इन हमलों के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का नाम आ रहा है जिसने पठानकोट हमले को अंजाम दिया था. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी का कहना है कि आतंकवादियों ने रजमान के 17वें दिन को खास तौर पर चुना था, जिसे जंग ए बद्र की तारीख के रूप में जाना जाता है.
आतंकवादी रमजान के पाक महीने में अपनी नापाक साजिश को अंजाम देना चाहते थे, ताकि दहशत को जेहाद से जोड़ा जा सके. खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक पहले से लग गई, लिहाजा 5 घंटे में 6 आतंकी हमलों के बावजूद सेना और सुरक्षा बलों को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. ना ही किसी जवान की जान गई. आतंकियों के नापाक मंसूबे तो नाकाम हो गए, लेकिन सीजफायर का उल्लंघन कर पाकिस्तान और आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिशों से बाज नहीं आ रहा है.