नई दिल्ली: केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय की बुकलेट पर बवाल मच गया है. बुकलेट में गर्भवती महिलाओं को सेहतमंद बच्चा पाने के लिए शारीरिक संबंध से दूर रहने को कहा गया है. आयुष मंत्रालय की तरफ से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य नाम से जारी बुकलेट में कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को काम-वासना के साथ-साथ मांसाहार भोजन से बचना चाहिए.
ये विवादित बुकलेट सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योगा एंड नेचुरोपैथी ने जारी किया है जिसके सलाहकार ईश्वर आचार्य का कहना है कि बुकलेट में बताई गई बातें महज सुझाव हैं. हालांकि आयुष मंत्री श्रीपद नाईक का कहना है कि बुकलेट में गर्भवती महिलाओं के लिए योगासन बताए गए हैं. उन्हें शारीरिक संबंध से दूर रहने की सलाह नहीं दी गई है.
आयुष मंत्रालय की सलाह यहां तक सीमित नहीं रही. मंत्रालय आगे कहता है कि यदि आप सुंदर और सेहतमंद बच्चा चाहती हैं तो महिलाओं को “इच्छा और नफरत” से दूर रहना चाहिए, आध्यात्मिक विचारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. अपने आसपास धार्मिक तथा सुंदर चित्रों को सजाना चाहिए.
ये प्रकाशन सरकारी संस्थाएं पिछले तीन साल से ज्यादा वक्त से बांट रही हैं. आयुष मंत्रालय द्वारा हाल ही में इन्हें प्रकाशित करवाने की खबर सही नहीं है. मंत्रालय ने कहा है कि सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए नो सेक्स जैसी बात खबरों में डाल दी गई है जबकि ऐसी कोई बात बुकलेट में शामिल नहीं थी.
वहीं इस मामले पर देश की कई गायनोकॉलोजिस्ट ने कहा है कि सरकार ने जो सुझाव दिया है वह बेतुका है. प्रोटीन की कमी, कुपोषण और एनिमिया गर्भवती महिलाओं के स्वास्थय के लिए बेहद चिंता का विषय है और मीट में प्रोटीन और आयरन दोनों ही होते हैं.