सरकार का खजाना खाली, किसानों की कर्जमाफी संभव नहीं: उत्तराखंड CM

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि किसानों पर देश भर में 12 लाख करोड़ का कर्ज है और इतना बड़ा कर्ज माफ करना मुमकिन नहीं है. रावत ने साफतौर पर कह दिया कि सरकार का खजाना खाली है. ऐसे में किसी का कर्ज फिर क्यों न हो माफ नहीं किया जा सकता.

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सरकार का खजाना खाली, किसानों की कर्जमाफी संभव नहीं: उत्तराखंड CM

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  • June 14, 2017 2:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
देहरादून: उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि किसानों पर देश भर में 12 लाख करोड़ का कर्ज है और इतना बड़ा कर्ज माफ करना मुमकिन नहीं है. रावत ने साफतौर पर कह दिया कि सरकार का खजाना खाली है. ऐसे में किसी का कर्ज फिर क्यों न हो माफ नहीं किया जा सकता. बता दें कि यूपी में बीजेपी ने सत्ता में आते ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया था. 
 
बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में किसानों की कर्जमाफी को लेकर आज जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस ने कर्जमाफी पर चर्चा कराए जाने की मांग की. सत्र के दौरान राज्य सरकार को इस मामले में सुबह से ही विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा. हालांकि विपक्ष के लगातार हल्ला मचाने के बावजूद सरकार ने साफ कह दिया कि वो किसानों की कर्ज माफी के लिए फिलहाल कोई कदम नहीं उठाने वाली है. 
 
 
उत्तराखंड सरकार ने कहा कि राज्य पहले से ही कर्ज में है लिहाजा हम किसी कर्ज को माफ करने में सक्षम नहीं है. कांग्रेस ने सदन में कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के कर्ज माफ की बात की थी. अब सरकार बन जाने के बाद किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है. अब तक सरकार ने चुनाव के दौरान किए गए वादों में से एक भी वादा पूरा नहीं किया है. 
 
 
देश के अलग-अलग हिस्सों में जारी आंदोलन को लेकर अब किसान संगठन साझा रणनीति बनाने में जुट गए हैं. इसी कड़ी में 50 किसान संगठनों ने दिल्ली में बड़ी बैठक की. किसान संगठनों की इस बैठक में किसान आंदोलन को और तेज करने के लिए आगे की रणनीति पर विचार किया गया. ऐसे में मोदी सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
 
 
किसान संगठन पहले ही अपनी मांगों को लेकर 9 अगस्त को देश भर के हाईवे को जाम करने और फिर जनवरी में दिल्ली में बड़ा किसान आंदोलन करने की योजना बना चुके हैं. जिन राज्यों में इस समय किसान आंदोलन की आग फैली हुई है. उनमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक और तेलंगाना शामिल हैं.

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