नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार आज सरकारी कर्मचारियों को संशोधित 7वां वेतन आयोग का तोहफा दे सकती है. 7वें वेतनमान में संशोधन के लिए बनाई गई कमिटी की रिपोर्ट के बाद थोड़ी देर में पीएम मोदी के अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक होने जा रही है. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में पीएम मोदी सरकारी करमचारियों को नए संशोधित 7वें वेतनमान का तोहफा दे सकते हैं.
बता दें कि 7वां वेतनमान लागू होने के बाद वेतन में वृद्धि का देश भर में विरोध हुआ था. जिसके बाद सरकार ने वित्त सचिव अशोक लवासा के नेतृत्व में एक कमिटी का गठन किया था. सरकार ने इस कमिटी को वेतनमान में विसंगतियों को दूर करने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
समिति की इस बैठक में कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा समेत गृह मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, रेलवे के अधिकारी शामिल हो सकते हैं.
लवासा समिति ने 27 अप्रैल को वित्त मंत्री अरुण जेटली को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. अशोक लवासा समिति का गठन पिछले साल जून में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने के बाद किया गया था. भत्तों पर लवासा सिफारिशों को पूरी तरह लागू किया जाता है तो इससे सरकार पर 29,300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
सातवें वेतन आयोग में दो मुख्य मुद्दे हैं जिसमें पहला बेसिक वेतन और दूसरा संशोषित भत्ते शामिल हैं. सातवें वेतन आयोग ने शहरों की श्रेणी के अनुसार घर के किराए भत्ते में कटौती की बात कही थी. इसके साथ ही सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में 36 छोटे भत्तों को बड़े भत्तों में मिलाने समते 52 भत्तों को खत्म करने के लिए कहा गया था.
बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों के प्रदर्शन पर मोदी सरकार ने वित्त सचिव अशोक लवासा को मोदी सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की समीक्षा करने का काम दिया था. अशोक लवासा पैनल की सिफारिशें लागू होने के बाद करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मियों को लाभ होगा.