नई दिल्ली: इंडिया न्यूज शो ‘महाबहस’ में आपके सवाल के साथ आपके राय के साथ हम हाजिर है. आज का प्रमुख मुद्दा है कश्मीर के ऐसे नवजवानों की जो आर्मी के कोचिंग सेंटर में पढ़कर IT एडवांस की परीक्षा पास कर ली है.
कश्मीर से इन दिनों अच्छी खबरों का सिलसिला शुरू हो गया है. इस साल कश्मीर के 14 नौजवान UPSC यानी देश की नंबर वन नौकरियों के लिए चुने गए, तो अब आर्मी के कोचिंग सेंटर में पढ़कर 19 कश्मीरी छात्र-छात्राओं ने IIT एडवांस की परीक्षा पास कर ली है. क्या ये कश्मीर के नौजवानों की बदलती सोच की मिसाल है ? क्या पेशेवर पत्थरबाजों पर भारी पड़ेंगे देशभक्त कश्मीरी
पाकिस्तान और उसके पैसों पर पलने वाले आतंकवादी कश्मीरी युवाओं के हाथों में पत्थर थमाना चाहते थे. कश्मीरी नौजवानों को ये नापाक चाल अब समझ में आने लगी है. कश्मीरी युवाओं को समझ में आने लगा है कि उनकी बेहतरी किसमें है. चाहे भारतीय सेना और पुलिस में भर्ती की बात हो, UPSC की परीक्षा हो या फिर आईआईटी में पढ़ाई की है.
कश्मीरी नौजवान अब हर जगह अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए खुलकर सामने आ रहे हैं. आज आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने उन होनहार छात्र-छात्राओं से मुलाकात की, जिन्होंने आईआईटी एडवांस की परीक्षा पास की है. इन कश्मीरी स्टूडेंट्स का टैलेंट भी भारतीय सेना ने पहचाना और उन्हें सुपर-40 प्रोजेक्ट के तहत कोचिंग देकर इस लायक बनाया कि वो देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में पास हो गए है.
इससे पहले इसी साल जम्मू-कश्मीर के 14 नौजवानों ने UPSC की परीक्षा पास की थी. और हाल ही में जम्मू-कश्मीर में पुलिस के 698 पदों पर भर्ती के लिए करीब 67 हजार नौजवानों ने अप्लाई किया है. कश्मीरी नौजवानों की ये कामयाबी इसलिए मायने रखती है, क्योंकि उन्होंने आतंकवादियों की धमकी और अलगाववादियों के गुमराह करने वाली बातों की परवाह किए बिना देश की सेवा करने का फैसला किया है.
कश्मीर के भटके नौजवानों को पटरी पर लाने के लिए सेना अब 20 पत्थरबाजों को भारत के शहरों का टूर कराने जा रही है, ताकि वो देखें कि हिंदुस्तान कितना शांत और तरक्की पसंद मुल्क है. गुमराह होकर पत्थरबाजी करने वालों का मन बदलने की योजना है, ताकि वो वापस लौटकर अपने जैसे नौजवानों को भटकने से बचा सकें. कश्मीरी नौजवानों की मेहनत, लगन और सकारात्मक सोच के बाद सरकार और सेना को उम्मीद है कि ऐसे नौजवान बाकी कश्मीरी बच्चों के लिए रोल मॉडल बनेंगे.