नई दिल्ली: हिंदुस्तान की जिस संसद की खूबसूरती को देखने आज भी देश-विदेश के सैकड़ों-हजारों लोग दिल्ली आते हैं. और अंग्रेजों की बनाई इस इमारत की भव्यता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. क्या उस संसद का नक्शा हिंदुस्तान के एक मंदिर से मिलता है ?
क्या उस संसद का वास्तुशिल्प भगवान शिव के एक मंदिर पर आधारित है ? इन्हीं सवालों का सच जानने-समझने के लिए इंडिया न्यूज़ की टीम मध्यप्रदेश के मुरैना के उस मंदिर तक गई और वहां की तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया है. लेकिन इस सफर में
हमारे सामने जो कहानियां सामने आईं. वो हैरान करने वाली हैं ओरिजनल फीड यू-ट्यूब वाले लिंक जिसमें लड़की डांस कर रही है.
मध्य प्रदेश के मुरैना की चौंसठ योगिनी मंदिर की है.जो भगवान शिव का मंदिर है.और दूसरी तस्वीर देश की संसद की है.जिसे लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं. अब हम आपके सामने इन दोनों तस्वीरों को एक साथ रखते हैं. इन दोनों तस्वीरों को एक साथ क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि दोनों इमारत करीब-करीब एक जैसी हैं ? या फिर दो में से एक इमारत दूसरे की नकल है ?
यहां आने वाले हर शख्स को यहां आकर ऐसा ही महसूस होता है और हो भी क्यूं ना ? दोनों इमारतों में वाकई ऐसी कई समानताएं हैं.जो इस तर्क और तथ्य को मजबूती देती हैं और शायद इसीलिए चौंसठ योगिनी मंदिर को चंबल की संसद भी कहते हैं. देश की संसद से मिलती-जुलती इस इमारत का साधक, साधना और तंत्र-मंत्र से क्या लेना-देना था? ये जानने-समझने से पहले आपको बताते हैं कि ये मंदिर संसद से क्यों मिलता है ?